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________________ उत्तर प्रदेश का जैन समाज/631 श्री जैन परम धार्मिक एवं सेवाभावी जीवन व्यतीत कर रहे हैं । दोनों पति पत्नी तीर्थ यात्राएं एवं साधुओं के संबों में जाते रहते हैं। आप आचार्य विद्यासागर जी महाराज एवं उपाध्याय ज्ञानसागर जी महाराज के प्रति अधिक आकर्षित हैं । देहली विवेक विहार में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में आपने सनत्कुमार इन्द्र के पद को अलंकृत किया । आपके दादाजी गणपतरायजी ने सोनीपत में मंडी के मंदिर निर्माण में विशेष योग दिया था। आप मूल निवासी सोनीपत के हैं। वहां से रोहतक आए और फिर देहली आकर बस गए। पता : -512, पिकविहार, देहली 100 श्रीमती कमला देवी धर्मपत्नी श्री शिखर चन्द बैन श्री सुमेरचन्द पाटनी श्री पाटनी जी की लखनऊ जैन समाज के अतिरिक्त भारतीय स्तर के समाजसेवियों में गणना की जाती है । आपके पिताजी स्व.लादूलाल जी भी नगर के प्रसिद्ध व्यक्ति थे जिनके नरम से डालीगंज में लादूलाल जैन मार्ग स्थापित है । आपकी माताजी का नाम श्रीमती नारायणी देवी जी था। पाटनी जी का जन्म 25 दिसम्बर 1920 को लखनऊ | में हुआ । आपने हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त की और उसके पश्चात् पिताजी के साथ व्यवसाय में लग गये। सांभर निवासी श्री गौरीलाल जी पाटोदी की सुपुत्री ज्ञानीदेवी से आपका विवाह हुआ। आपके दो पुत्र एवं सात पुत्रियाँ हैं। पुत्रों में श्री - महावीर प्रसाद जी का विवाह हो चुका है। दसरा पत्र संजयकमार है। विशेष : आपके पिताजी ने डालीगंज में मंदिर का निर्माण करवाया था तथा वहीं धर्मपत्नी श्री सुमेरचन्द पाटभी पर सन् 1975 में सेठ लादूलाल जैन अतिथिगृह का निर्माण करवाया। सन् 1972 में लखनऊ में सिद्धचक्र विधान तथा सन् 1984 में हस्तिनापुर में इन्द्रध्वज विधान का आयोजन करवाया। यात्रासंध ले जाने में आपको बहुत रुचि रहती है। सन् 1952 में खण्डगिरी उदयगिरी,सन् 19667 में एवं सन् 1981 में बाहुबली यात्रा संघ के संधपति बने । संघ में पहिली बार 125 एवं दूसरी बार 155 यात्रियों को साथ ले गये थे। सामाजिक - दि. जैन महासभा के विगत 45 वर्षों में सक्रिय सदस्य हैं। वर्तमान में केन्द्रीय उपाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय महासभा के अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश तीर्थ क्षेत्र कमेटी के कोषाध्यक्ष हैं । भारतीय जैन मिलन के अध्यात हैं। पाटनी जी मिलनसार हैं, मुनिभक्त हैं, मुनियों के चातुर्मास कराते रहते हैं । समाज के लिये पूर्णतः समर्पित रहते हैं । पता - सेठ लादूराम जैन मार्ग,डालीगंज,लखनऊ .!
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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