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________________ 630/ जैन समाज का वृहद् इतिहास आपका धार्मिक जीवन है । विगत 10 वर्षों से आप पूर्ण ब्रह्मचर्य व्रत पालन कर रहे हैं। कमला नगर आगरा में होने वाले मंदिर निर्माण में आपने पूर्ण सहयोग दिया है । चन्द्रप्रभु दि.जैन मंदिर नाई की मंडी के अध्यक्ष है साथ में यहाँ की वेदी निर्माण में पूर्ण सहयोगी रहे हैं। पता : 5/16 नाईकी मंडी,महरा गली,आगरा श्री शिवचरणा लाल जैन बुढेलवाल जाति के हथपौ आ गोत्र में उत्पत्र श्री शिवचरण लाल जी मैनपुरी (उत्तरप्रदेश) के प्रसिद्ध सेठ पंडित हैं। अब तक आप वाणीभूषण एवं व्याख्यान वाचस्पति उपाधियों से अलंकृत किये जा चुके हैं। आपका जन्म 11 अगस्त 1939 को हुआ। आपके पिताजी श्री बटेश्वरीलाल जी एवं माता श्रीमती गुलाब देवी का स्वर्गवास हो चुका है। प्रथम श्रेणी में मैट्रिक परीक्षा पास करने के पश्चात् आप कपड़े का थोक व्यवसाय करने लगे और उसमें अच्छी सफलता प्राप्त की । 4 जुलाई 1957 को आपका विवाह श्रीमती निर्मला देवी के साथ सम्पन्न हुआ। जिनसे आपको तीन पुत्रियाँ एवं एक पुत्र की प्राप्ति हुई। सबसे बड़ी पुत्री संध्या जैन नागपुर में प्रवक्ता है। दूसरी पुत्री एम.फिल.डी.फिल.है तथा मैनपुरी में ही रसायन शास्त्र की प्रवक्ता है। तीसरी पुत्री कविता संगीत शास्त्र में एम.ए. हैं तथा अभी अविवाहित है. पुत्र प्रशान्त अभी अध्ययन कर रहा है । व्यवसाय के अतिरिक्त आप लेखन (गद्य पद्य दोनों में) एवं प्रवचन करते है तथा धार्मिक समारोहों में जाते रहते हैं । आप शास्त्री परिषद् के उपाध्यक्ष,महासभा के उपदेशक विभाग के सह संयोजक एवं युवा परिषद् बुलेटिन के संपादक हैं । मैनपुरी में आयोजित सिद्धचक्र विधान में इन्द्र पद से सुशोभित हो चुके हैं। तीर्थयात्रा प्रेमी हैं तथा कितनी ही बार तीर्थयात्रा कर ली है। अपने यहाँ श्रमण भारती दशाब्दी समारोह मना चुके हैं । पंडित शिवचरण लाल जी बहुत ही उत्साही विद्वान हैं । आर्षमार्ग के प्रचार-प्रसार में लगे रहते हैं ।आप शोध प्रबन्ध लिख चुके हैं । आपसे बहुत अपेक्षाएं हैं। पता : सीताराम मार्केट,मैनपुरी (उत्तरप्रदेश) श्री शिखरचंद जैन देवली के लाला शिखरचंद जी जैन वर्तमान में विरक्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आप मुनिराजों एवं साधुओं के परम भक्त हैं । जिनवाणी के प्रचार-प्रसार में खूब रुचि लेते हैं। अभी आपने दि.जैन साहित्य संरक्षण समिति को आचार्य विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से स्थापित किया है। आपका जन्म दिनांक 20-9-1928 को हुआ। देहली विश्वविद्यालय से सन् 1948 में बी.कॉम. किया। इसके पूर्व सन् 1945 में आपका विवाह श्रीमती कमला जैन से हुआ । जिनसे आपको तीन पुत्र एवं एक पुत्री की प्राप्ति हुई । नरेश एवं अनिल जैन के ट्रेक्टर पार्टस् का प्रतिष्ठान है। मनीष जैन सी.ए. है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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