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________________ उत्तर प्रदेश का जैन समाज /629 श्री विमलचन्द जैन बम्ब रामपुर (उत्तरप्रदेश) के निवासी श्री विमलचन्द जी बैन बम्ब अपनी सामाजिक सेवाओं के लिये प्रसिद्ध हैं। आपके पिताजी 89 को पार कर चुके हैं आपने आगम ग्रंथों का अच्छा अध्ययन किया है। किन्तु आपकी माताजी श्रीमती जैनेबाई का सन् 1935 में ही स्वर्गवास हो गया था। विधिसागली महाराज आपका सन् 1930 में 29 अप्रैल को जन्म हुआ। सन् 1951 में एम.ए:(अर्थशास्त्र) एवं एल.एल.बी.दोनों एक साथ की और फिर 1968 से सरकारी वकील चले आ रहे हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती कांति जैन है वह भी धर्म में विशेष रुचि रखती हैं। आपकी एक ज्येष्ठ पुत्री छाया एम.ए. है । कानपुर कॉलेज में अंग्रेजी प्रवक्ता है। आपके पति डाक्टर हैं जो कानपुर में सरकारी अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी है। आपका दूसरा पुत्र अजय एमाए.बी.एड. है । आपका ज्येष्ठ पुत्र मनोज मैरिन इंजीनियर है तथा विदेशी जहाज कम्पनी में सैकिण्ड इंजीनियर है। 28 वर्षीय मनोज की पत्नी का नाम नीलिमा है जो स्वयं एम.कॉम. है। दूसरा पुत्र अमरेश 23 वर्ष का है जो मद्रास में इन्डस्ट्रियल इंजीनियरिंग का छात्र है। बम्ब साहब नगरपालिका के सन् 1953-56 तक सदस्य एवं कमेटी चेयरमैन रह चुके हैं । जैन इन्टर कॉलेज रामपुर की स्थापना में प्रमुख योगदान रहा तथा कॉलेज के मंत्री एवं अध्यक्ष रह चुके हैं। कन्या इन्टर कॉलेज रामपुर के संस्थापक सदस्य, मैंनेजर एवं कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। पार्श्वनाथ अहिच्छेत्र तीर्थक्षेत्र कमेटी के उपाध्यक्ष एव वर्तमान में सदस्य हैं। आप और भी कितनी ही संस्थाओं से जुड़े हुये हैं । पता : मोती सदन,जैन स्ट्रीट, रामपुर (उप्रदेश) श्री विमलचन्द बैनाड़ा आगरा के बैनाड़ा परिवार में श्री विमलचन्द जी बैनाड़ा का प्रमुख स्थान है । वे अपनी सामाजिक एवं धार्मिक प्रवृत्तियों के लिये सर्वत्र समादत होते हैं । आपका जन्म 3 अगस्त सन् 1962 को हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् अपने पैतृक सर्राफा व्यवसाय से जुड़ गये । सन् 1938 में आपके पिताजी चल बसे और माताजी तो आपको 7 वर्ष का छोड़कर ही चली गई । सन् 1942 में आपका विवाह बुद्धिबाई से हुआ जिनसे आपको दो पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आपका बड़ा लड़का कमलकुमार 45 वर्षीय युवा है । दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं। दूसरा पुत्र अजीतकुमार भी इन्टर पास है । एक पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं। ___ आपका सामाजिक जीवन बहुत ही उज्जवल रहा है । आगरा दि. जैन खण्डेलवाल समिति के आप दो बार अध्यक्ष चुने जा चुके हैं । आगरा प्रान्तीय दि.जैन महासभा के अध्यक्ष एवं दि. जैन परिषद् के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। आगरा जिला शिक्षा समिति के सचिव हैं । आगरा सर्राफा कमेटी के 38 वर्ष तक सेक्रेटरी रहे तथा उत्तर प्रदेश सर्राफा एसोसियेशन के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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