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________________ मालवा प्रदेश का जैन समाज/579 श्री इन्दरचन्द पाटनी 31 अक्टूबर 1926 को जन्मे श्री पाटनी जी एम.कॉम.,बी.ए.एलएलबी, हैं । आपके पिताश्री बींजराज जी पाटनी थे जिन्होंने सन् 1983 में दुर्ग में सिद्धचक्र विधान कराया था तथा दो तीन बार इन्द्र बनने का सौपाग्य भी प्राप्त किया था। बीजराजजी खण्डेलवाल दिगम्बर जैन समाज दुर्ग तथा दिगम्बर जैन समाज दुर्ग के अध्यक्ष रहे थे । दिगम्बर जैन समाज सहायता कोष दुर्ग, महावीर ट्रस्ट (रायपुर संभाग) के भी अध्यक्ष थे। नागपुर प्रान्तीय खण्डेलवाल महासभा के उपाध्यक्ष भी रहे थे। ___ आपकी मातुश्री श्रीमती मनोहरदेवी पाटनी जैन महिला समाज दुर्ग की अध्यक्ष रही थी। श्री इन्दरचन्द जी हार्डवेयर, सीमेन्ट एवं बिल्डिंग मेटिरियल का व्यवसाय करते हैं । सामाजिक सेवा में विशेष रुचि के अतिरिक्त पढ़ाई,व्यवसाय एवं खेलकूद की ओर विशेष ध्यान है । सन् 1983 में आपने भी सिद्धचक्र विधान मंडल दुर्ग में सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य प्राप्त किया था। आपके परिवार में आपके पिताजी के काकाजी के पुत्र ने मुनि दीक्षा ली थी । पाटनी जी दुर्ग के जैन समाज में अत्यधिक सम्मानित समाज सेवी हैं। पता - श्री बींजराज पाटनी,जनता हार्डवेयर स्टोर्स,शनीचरी बाजार,दुर्ग (मप्र) श्री उजासचन्द काला जन्मतिथि - 21 अगस्त, 1937 (सावन सुदी 15 संवत् 1994) शिक्षा • सन् 1961 में संची विश्वविद्यालय से बी.ए. पास किया । आपके पिताश्री सुन्दरलाल जी का सन् 1981 में स्वर्गवास हुआ उस समय उनकी आयु 81 वर्ष की थी। आपकी माताजी प्यारी देवी का 75 वर्ष की आयु में सन् 1985 में स्वर्गवास हुआ। कालाजी का विवाह सन् 1953 में श्रीमती ज्ञानवती देवी के साथ संपन्न हुआ । आपके 4 पुत्र एवं 2 पुत्रियाँ है । ज्येष्ठ पुत्र प्रदीपकुमार एम.एस.सी.जियोलाजी) है । खनिज व्यवसाय है । पत्नी का नाम रविकान्ता है । एक पुत्र एवं एक पुत्री है। द्वितीय पुत्र प्रमोदकुमार 30 वर्ष के हैं एम.एस.सी. (केमेस्ट्री) बी ई. हैं । ओ.एन.जी.सी.अंकलेश्वर में कार्यरत हैं 1 विवाहित हैं । तृतीय पुत्र प्रवीणकुमार बी कॉप. है । पिताजी के साथ कार्य करते हैं । विवाह हो चुका है पत्नी का नाम ममता है । चतुर्थ पुत्र प्रद्युम्न अभी पढ़ रहे हैं। दो पुत्रियों हैं कान्ता एवं शोभा। दोनों का विवाह हो चुका है। व्यवसाय - ट्रांसपोर्ट,साइकिल,सीमेन्ट, गुड,खनिज व्यवसाय है। विशेष - दि. जैन समाज कुनकरी में मंदिर का निर्माण करा चुके हैं तथा शीघ्र ही पूर्तियां विराजमान कराने वाले हैं। जसपुर में जो भी मुनिराज आते हैं उनकी सेवा में तत्पर रहते हैं। महासमिति की तीर्थ रक्षा समिति के सदस्य हैं । पुष्पदन्त धारा के सह सम्पादक रह चुके हैं। लेखन में पूर्ण रुचि रखते हैं । जसपुर जैन समाज के वर्षों तक अध्यक्ष रह चुके हैं। जैन विद्यालय जसपुर के अध्यक्ष पद पर रहे हैं। कोपरेटिन्न बैंक के मानद सचिव रहे हैं । आप बहुत ही उत्साही कार्यकर्ता हैं । महावीर ट्रस्ट इन्दौर के विलासपुर संभाग के उपाध्यक्ष हैं। परिवार : आप पांच भाई एवं दो बहिने हैं। सबसे बड़े भाई कैलाशचन्द जी नगर परिषद् के सदस्य एवं जैन समाज के अध्यक्ष रह चुके हैं । शेष प्रकाशचन्द जी, सुभाषबन्द जी,प्रभातकुमार जी सभी व्यवसाय में लगे हुये हैं तथा सामाजिक कार्यकर्ता पता - जसपुर नगर (रायगढ़)496339
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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