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________________ 578 / जैन समाज का वृहद् इतिहास विशेष :- आपके पिताजी साहब ने इन्दौर में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव में इन्द्र बनकर जीवन को सार्थक किया। आपने ही बावनगजा में पिछले महामस्तकाभिषेक पर प्रथम कलश की बोली लेने का सौभाग्य प्राप्त किया। बुन्देलखण्ड को छोड़कर आप सभी तीर्थों की वन्दना कर चुके हैं। महावीर जयन्ती समारोह पर कितनी ही बार रथ में बैठकर योगदान दिया । विद्यावनी में आपने मंदिर का निर्माण (चैत्यालय का परिवर्तित स्वरूप) करवाकर 5 जुलाई 89 को वेदी प्रतिष्ठा सम्पत्र करवाई । श्रीपाल बड़जात्या चेरिटेबल ट्रस्ट इन्दौर के अध्यक्ष, भैरूलाल कपूरचन्द परमार्थिक ट्रस्ट इन्दौर के ट्रस्टी । पूरा परिवार धार्मिक स्वभाव का है तथा इन्दौर समाज में सम्माननीय स्थान प्राप्त है। आपके पितामह स्व. कपूरचन्द जी बड़े धर्मात्मा एवं मुनि भक्त थे। एक बार यात्रा संघ लेकर सबको पूरे भारत की यादा करवाई थी । श्री अशोक कुमार बडजात्या श्रीमती आशा धर्मपत्नी श्री अशोक कुपार बड़जात्या a6 परिवार जन डॉ. दिलीप बड़जात्या पता : श्री कमल, चैनसिंह का बगीचा, न्यू पलासिया, इन्दौर डॉ. (श्रीमती) मंजु धर्मपत्नी डॉ. दिलीप बड़जात्या
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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