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________________ + K 580/ जैन समाज का वृहद् इतिहास ब्र. उषा जैन (पोरवाड) शोधकार्य में संलग्न य.उषा जैन का जन्म 1 जनवरी सन् 1950 को हुआ । आपके माता-पिता कमला बाई एवं दयाचंद जी जैन का स्वर्गवास हुये पर्याप्त समय हो गया । सन् 1978 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से एम.ए.किया और शिक्षिका बनकर मध्यप्रदेश शासन में कार्य करने लगी। आपके दो पाई एवं सात बहिनें हैं। आपने ब्रह्मचर्य व्रत ले रखा है। शुद्ध खानपान का नियम है । मुनिभक्त हैं चार महिने में एक बार किसी भी मुनि को आहार देने का नियम लिया हुआ है । सभी तीर्थों की वंदना कर चुकी हैं। __ वर्तमान में आप हिन्दी जैन साहित्य में पी-एचड़ी, कर रही है। उषा ओ अत्यधिक सरल,शांत एवं विनयी स्वभाव की विदुषी हैं। पता :- मु.कसरावद जिला प.निमाड खरगोन (मप्र) श्रीमती कमलादेवी यांड्या श्रीमती पांड्या श्री धन्नालाल जी नरपत्या आस्टावाले इन्दौर की सुपुत्री है। आपका जन्म जेठ सुदी 12 संवत् 1985 को हुआ! आपकी माताजी का नाम श्रीमती लक्ष्मीबाई था । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आपका विवाह सनावद निवासी श्री रिखबचन्द जी पांड्या के साथ हो गया। पांड्या जी का अभी 20 दिसम्बर सन् 1978 को स्वर्गवास हो चुका है । आपके 2 पुत्र एवं 2 पुत्रियां हैं । बडे पुत्र श्री सुरेश कुमार हैं तथ्ण लोटे पुत्र पदीपामार हैं । पत्रियाँ हीरामणि एवं शशिप्रभा है जिनका विवाह हो चुका है । सुरेश कुमार की पत्नी का नाम खुशकवर है जिनके दो पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं । प्रदीपकुमार की पत्नी का नाम श्रीमती बीना है जिनके चार पुत्र हैं। विशेष : श्रीमती कमला देवी जी पूर्ण धार्मिक जीवन व्यतीत कर रही हैं । आपके छोटे पुत्र प्रदीपकुमार जम्बूद्वीप पंचकल्याणक में ईशान इन्द्र के पद से सुशोभित हो चुके हैं। आपके घर में चैस्यालय है। आपके शुद्ध खानपान का नियम है । मुनिभक्त हैं तथा आचार्य महावीर कीर्ति जी के शिष्य सन्मति सागर महाराज से आपने बड़वानी में दो प्रतमायें ली थीं । अपने क्षेत्र की यशस्वी महिला हैं । घर पर ट्रासपोर्ट जैन बस सर्विस का कार्य है। पता : प्रदीपकुमार रिखबचन्द पांड्या मोंटका रोड़,सनावद डॉ. कैलाशचन्द जैन 21 अप्रैल सन् 1930 को श्री कैलाशचन्द का जन्म मारोत (नागौर,राजा में हुआ था। आपके पिताश्री किशनलाल जो मारोठ के सम्मानित व्यक्ति थे। आपकी माताजी श्रीमती बंशी बाई थीं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती चन्द्रकला जैन सेवाभावी महिला हैं । आपके दो पुत्र सुदर्शन एवं राकेश तथा दो पुत्रियां डॉ. आधा एवं रेखा हैं । पूरा परिवार विनीत एवं उद्यमी है। ___ डा.कैलाशचन्द जी प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के वर्तमान में माने हुये विद्वान हैं तथा कितनी ही पुस्तकों के लेखक एवं सम्पादक हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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