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________________ राष्ट्रीय स्तर के वर्तमान विद्वज्जन 20वीं शताब्दी का उत्तरार्द्ध भाग (सन् 1941 से 1990 तक) विद्वज्जनों के लिये अधिक अनुकूल नहीं रहा। इस बीच हमने अनेक विद्वानों को खोया । इस शताब्दी के प्रारम्भ में जितने विद्वान तैयार हुये उन्होंने धर्म, समाज एवं साहित्य के लिये समर्पित भावना से कार्य किया । धार्मिक विद्यालयों, सामाजिक संगठनों एवं पत्र - सम्पादकों के रूप में कार्य करते हुये उन्होंने अपनी सेवाओं से समाज के विकास में योगदान दिया। ग्रंथों का सम्पादन किया। नव साहित्य का निर्माण किया। सेमिनारों एवं संगोष्ठियों के माध्यम से साहित्य के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला तथा इतिहास एवं साहित्यिक क्षेत्र में जैन धर्म एवं संस्कृति के उज्जवल पक्ष को सबके सामने रखा। ऐसे विद्वानों में पं. अजित कुमार जी शास्त्री, पं. राजेन्द्र कुमार जी न्यायतीर्थ, पं. खूबचन्द जी शास्त्री, पं. चैन सुखदास जी न्यायतीर्थ, पं. परमेष्ठीदास जी न्यायतीर्थ प इन्द्रलालजी शास्त्री, पं. बंशीधर जी न्यायालंकार, पं. जीवंधर जी न्यायतीर्थ, पं. जवाहरलाल जी शास्त्री, पं. रतनचन्द्र जी मुख्तार, वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री, पं. बाबूलाल जी जमादार, पं. जुगलकिशोर जी मुख्तार, पं. परमानन्द जी शास्त्री, डॉ. नेमिचन्द्र जी शास्त्री, पं. बंशीधर जी शास्त्री, डॉ. हीरालाल जी जैन, डॉ. ए. एन. उपाध्ये, प. हीरालाल जी सिद्धान्तशास्त्री, डॉ. ज्योति प्रसाद जी जैन, डॉ. हरीन्द्र भूषण जो जैन एवं पं. कैलाशचन्द जी शास्त्री के नाम विशेषतः उल्लेखनीय हैं। इन सभी विद्वानों ने साहित्यिक एवं सामाजिक क्षेत्र में खूब कार्य किया और समाज के राष्ट्रीय स्तर को ऊंचा बनाये रखा। इन विद्वानों की सेवाओं को प्रस्तुत इतिहास में यत्र-तत्र वर्णन किया गया है। 1. 2. वर्तमान युग के राष्ट्रीय स्तर के 20 विद्वानों में निम्न विद्वानों के नाम लिये जा सकते हैं : पं. श्री जगन्मोहन लाल जी शास्त्री, कटनी । पं. फूलचन्द जी सिद्धान्त शास्त्री, वाराणसी । पं. बंशीधर जी व्याकरणाचार्य, बीना । 3. 4. पं. नाथूलाल जी शास्त्री, इन्दौर । 5. पं. सुमेरचन्द जी दिवाकर, सिवनी। 6. डॉ. दरबारीलाल जी न्यायाचार्य, बीना । 7. डॉ. पन्नालाल जी साहित्याचार्य सागर । 9. 8. डॉ. लालबहादुर जी शास्त्री, देहली । पं. भवरलाल जी न्यायतीर्थ, जयपुर। 10. प्राचार्य नरेन्द्र प्रकाश जी जैन, फिरोजाबाद । 11. डॉ. देवेन्द्र कुमार जी जैन, नीमच। 12. डॉ. प्रेमसुमन जैन, उदयपुर । 13. डॉ. राजाराम जैन, आरा। 14. डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल, जयपुर। 15. डॉ. कलघाटगी, बंगलौर । 16. डॉ. रमेशचन्द जैन, बिजनौर । 17. डॉ. जगदीशचन्द्र जैन, बम्बई ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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