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________________ 558/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री रामचन्द्र जी तीन भाई है । सबसे बड़े आप हैं । आपसे छोटे भाई स्व. हरकचंद जी बहुत दानी थे । बिहार में जन्न अकाल पड़ा तब उस समय वे फेमिन रिलीफ सेक्रेट्रो थे सन् 1978 में आपका स्वर्गवास हो गया। दूसरे छोटे भाई धर्मचंद जी रारा डाल्टनगंज रहते हैं। श्री रामचन्द्र जी रारा को इतिहास में प्रमुख रुचि रही है । खण्डेलवाल जैन समाज का वृहद इतिहास लेखन में आपका पूरा सहयोग मिला था। आपके पास पत्र-पत्रिकाओं की महत्वपूर्ण कटिंग्स है जो इतिहास लेखन में काम आती है। आपने कोल्हआ पहाड़ पर एक छोटी सी पस्तक लिखी है। कोल्ह आ पहाड को प्रकाश में लाने में आपने म निभाई है । आप कोल्हुआ पहाड़ समिति के अध्यक्ष एवं मंत्री दोनों रह चुके हैं । पहिले आप डाल्टनगंज रहते थे लेकिन परिवार विभाजन के पश्चात् सन् 1957 में गया जो आ गये और यहीं रहने लगे। पता : 1-होटल सरावगी,चर्च रोड,गया 2. सुनीत आटो सेन्टर, इंजीनियरिंग रोड,डाल्टनगंज (बिहार) श्री राधाकिशन प्रकाशचन्द रारा मूलतः खरेश प्राम निवासी स्व. श्री बेनीलाल जी रारा वहां से पटना आये और पटना से गया में सन् 1917 में आका बस गये। आप की र.वि 19 (2072) में जन्म हुआ। मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त की और फिर टायर व्यवसाय करने लगे । सन् 1963 में आपके पिताजी श्री बेनीलाल जी एवं सन् 1967 में माताजी श्रीमती लल्लीबाई का स्वर्गवास हो गया। संवत् 2001 में आपका विवाह श्रीमती कपूरीदेवी के साथ हुआ जिनसे आपको दो पुत्र प्रकाशचंद एवं ललितकुमार तथा छ: पुत्रियां, प्रेमलता,हेमलता,निर्मला,मंजू,मीना एवं बीना के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दोनों पुत्रों एवं सभी पुत्रियों का विवाह हो चुका है। ज्येष्ठ पुत्र प्रकाशचंद बी.ए. है । पत्नी का नाप कमलादेवी है । ललित कुमार जी 35 वर्षीय युवा हैं । बी.कॉम. हैं तथा पत्नी का नाम सुमन देवी है। आपके पूर्वजों ने इचाक ग्राम (हजारीबाग में चैत्यालय का निर्माण करवाया । तीर्थयात्रा प्रेमी हैं इसलिये सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं। आपका पूरा परिवार मुनिभक्त है तथा आहार आदि से सेवा करते रहते हैं। पन्ना - जैन मंदिर मार्ग, गया (बिहार) श्री रिखबचन्द बाकलीवाल श्री बाकलीवाल जी की रांची जैन समाज के प्रमुख समाजसेत्रियों में गणना की जाती है । आपके थोक कपड़े का व्यवसाय है और अपनी व्यावहारिक कुशलता तथा व्यापारिक दक्षता के लिये प्रसिद्ध है। आपके पिताजी श्री ओमचन्द जो बाकलीवाल का निधन 21 दिसम्बर 1982 को हुआ। माताजी पतासोबाई का बहुत पहिले स्वर्गवास हो गया था। श्री ओमचंद जी उदार हदय, मिलनसार,समाजसेवी एवं शांत स्वभावी थे तथा प्रत्येक कार्य में आगे रहते थे। आपने रांची के दि.जैन मंदिर निर्माण में विशेष योगदान दिया तथा धोद पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह में प्रमुख रहे। आपने राजगृही में नंदीधर द्वीप रचना में, पावापुरी में मंदिर के शिखर निर्माण एवं जीर्णोद्धार में विशेष सहयोग दिया । आपने अपने गांव धोद में वेदी का निर्माण करवाया था। श्री रिखबचंद जी का जन्म आसोज बुदी 14 संवत् 1995 को हुआ । सन् 1955 में आपने अजमेर बोर्ड से मैट्रिक किया। सन् 1956 में आपका विवाह डूंगरमल जी रारा बेरीवालों की सुपुत्री श्रीदेवी से हुआ। जिनसे आपको चार पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। ज्येष्ठ पुत्र श्री अजयकुमार बी कॉम हैं । शेष तीनों पुत्र, संजय.अरविंद एवं रोहित
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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