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________________ श्रीमती उमराव देवो धर्मपी श्री रामचन्द्र बड़जात्या श्री नरेन्द्रकुमार बिहार प्रदेश का जैन समाज /557 श्री सुरेन्द्र कुमार श्री रामचन्द्र रारा श्री रामचन्द्र जी रारा के पूर्वज खरेस ग्राम (नागौर, राज) के निवासी थे। वहां से संवत् 1917 में चतरा (हजारीबाग) आये और फिर से वहां से आपके पिताजी रायसाहब सेठ गणेशीलाल जी सरावगी सन् 1905 में डाल्टनगंज आये और फिर वहीं के होकर रह गये। स्व. श्री गणेशीलाल जी जमींदार, बैंकर्स, सोना नरेश, महाराज सरगुजा द्वारा प्रदत्त ताजीमी सरदार थे। आपको स्त्रयं महाराज ने अपनी ओर से दुशाला, साफा, तलवार एवं सोने के कड़े प्रदान किये थे । वे स्टेट के एजेन्ट थे। राजा के ही समान थे। रीवां रांची तक उनकी धाक थी। आपका स्वर्गवास दिसम्बर 1960 में 75 वर्ष की आयु में हो गया। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती भंवरदेवी का अभी सन् 1990 में स्वर्गवास हुआ है। श्री रामचन्द्र जी रारा का जन्म जनवरी सन् 1921 में हुआ | पटना यूनिवर्सिटी से सन् 1939 में मैट्रिक किया तथा पहिले कल्या व्यवसाय किया तथा फिर पैट्रोल डीजल एवं होटल व्यवसाय की ओर मुड़ गये। सन् 1940 में आपका विवाह श्रीमती तिज्जीदेवी से हुआ। जो छिन्दवाडा के आनरेरी मजिस्ट्रेट श्री हजारीलाल जी पाटनी को सुपुत्री है। श्री रारा जी को तीन पुत्र सर्व श्री विकास जैन, प्रकाश जैन एवं सुभाष जैन एवं 7 पुत्रियां, गुणमाला, राजुल, त्रिशल्ला, मधु, रेणु, रौता, एवं लता के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। श्री विकास जैन इन्टर हैं। उनकी पत्नी का नाम बीना है। एक पुत्र एवं एक पुत्री के पिता है। प्रकाश जैन की पत्नी का नाम पूनम है दो पुत्रियों के पिता हैं । दोनों भाई गया में रहते हैं। श्री सुभाष डाल्टनगंज रहते हैं उनकी पत्नी का नाम सरिता है। एक पुत्र की मां है। रारा परिवार डाल्टनगंज का प्रमुख परिवार है। स्व. राय साहब श्री गणेशीलाल जी ने डाल्टनगंज में मंदिर का निर्माण करवाया तथा आपकी धर्मपत्नी (माताजी श्री रामचन्द्र जी) ने उनके नाम पर गणेशीलाल सरावगी उच्च माध्यमिक विद्यालय बनवा कर दिया। स्व. श्री गणेशीलाल जी एवं उनके सुपुत्र श्री रामचन्द्र जी रारा एवं स्व. श्री हरकचंद जो रारा डाल्टनगंज के म्यूनिसिपल चैयरमैन रह चुके हैं। राय साहब ने गया जी के पंचायती मंदिर की मूल वेदी पर कलश चढाया तथा सम्मेदशिखर बीस पंथी कोठी में शास्त्र भवन का निर्माण करवाया ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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