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________________ 516 / जैन समाज का बृहद् इतिहास श्री कन्हैयालाल सेठी औरंगाबाद जैन समाज के सर्वाधिक लोकप्रिय समाजसेवी श्री कन्हैयालाल जी सेठी का नाम विशेषतः उल्लेखनीय है। आपके माता- पिता श्री छोगालाल जी एवं केशर देवी जी दोनों ही फतेहपुर में रहते हैं । श्री सेठी जी का जन्म भादवा सुदी 8 संवत् 1906 में हुआ। अष्टम कक्षा तक ही आप अध्ययन कर सके और फिर व्यवसाय में लग गये। वर्तमान में आप के दालमिल, फूड प्रेन, चीनी, डालडा, पैट्रोल पम्प आदि का कार्य है। सन् 1955 में आपका विवाह सुगनीदेवी के साथ हो गया जो राज के श्री सोहनलाल जी रारा की सुपुत्री हैं। आपको चार पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता बनने का गौरव प्राप्त हो चुका है। पुत्रों में श्री सुरेन्द्रकुमार (24 वर्ष) बी.ए. कर चुके हैं शेष तीनों पुत्र सत्येन्द्र, रजनीश एवं विशाल रांची पढ़ रहे हैं। चार पुत्रियों में सरला, सरिता एवं ममता का विवाह हो चुका | माया पढ़ रही है। ! औरंगाबाद पंचकल्याणक में आपके माता- पिता भगवान के माता पिता बने थे औरंगाबाद में मंदिर निर्माण से लेकर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा तक सभी कार्य आपने सम्पादन किया था। प्रतिष्ठा समारोह के आप महामंत्री बनाये गये थे। यहां की बाजार समिति के अध्यक्ष हैं। आपने आचार्य संभवसागर जी महाराज का चातुर्मास संपत्र कराया । पक्के मुनि भक्त हैं। मुनियों की खूब सेवा सुश्रुषा करते हैं। आपकी धर्मपत्नी धार्मिक कार्यों में आगे रहती है। मंदिर निर्माण में आपकी पत्नी का विशेष योग रहा। आपके दो छोटे भाई और हैं। श्री चिरंजीलाल जो 40 वर्षीय युवा हैं। धर्मपत्नी का नाम कंचनदेवी है। तीन पुत्र एवं दो पुत्रियाँ हैं । दो प्रतिमाधारी हैं। दूसरा भाई श्री नरेन्द्रकुमार बी. ए. है। पत्नी का नाम मंजूदेवी है। एक पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं। तीनों भाई साथ ही रहते हैं। बम्बई, मालेगांव, फतेहपुर, गया, अतरौली, शिलाँग, भदैय्या में प्रतिष्ठान हैं। पता : छोगालाल जी कन्हैयालाल जी सेठी, सेठी भवन, न्यू एरिया, औरंगाबाद श्री कन्हैयालाल सेठी 64 वर्षीय श्री सेठी जी ने सामान्य शिक्षा प्राप्त की है । आपके पिताजी स्व. श्री बिरधीचन्द जी का निधन 12 वर्ष पूर्व 95 वर्ष की आयु में तथा माताजी श्रीमती धन्रीदेवी का स्वर्गवास अभी 17 वर्ष पूर्व हुआ था। आप मूल निवासी वाय ग्राम के थे। आपने पहिले कलकत्ता और फिर वहां से 35 वर्ष पूर्व जसपुर नगर में आकर अपना व्यवसाय प्रारंभ किया। सन् 1942 में आपका विवाह श्रीमती केशरीदेवी सुपुत्री श्री ओमप्रकाश जी बाकलीवाल घोरवाले, डाल्टनगंज के साथ संपन हुआ। आपके चार पुत्र एवं चार पुत्रियाँ हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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