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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज/483 पहाड़िया जी उदार स्वभाव के श्रेष्ठी हैं । तिलक नगर जयपुर के मंदिर निर्माण, में पांचवा के दि. जैन औषधालय में आर्थिक सहयोग दिया है । नसीराबाद वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव में आपके पुत्र द्वारा पूर्ति विराजमान की गई । आपके पुत्र निहालचन्द की बीमारों की सेवा करने में गहन रुचि रहती है। पता: भंवरलाल पन्नालाल पहाड़िया मदनगंज किशनगढ़ अजमरे श्री प्रकाशचन्द कटारिया स्व.श्री सुवालाल जी कटारिया के सुपुत्र श्री प्रकाशचन्द जी कटारिया युवा समाजसेवी :हैं । आपका जन्म 19 मई 1933 को हुआ। सन् 1949 में इन्टरमीजियेट करने के पश्चात् आप । व्यावसायिक क्षेत्र में चले गये । जेष्ठ बुदी ५ संवत् 2009 को आपका विवाह सुश्री रतनदेवी .. के साथ संपन्न हुआ जिनसे आपको एक पुत्र सुनीलकुमार । एवं तीन पुत्रियों, उर्मिला, संगीता एवं सीमा के पिता बनने .. का सौभाग्य प्रापा : ६.1 मार्ग को अके मता का एवं 20 नवम्बर 1977 को आपकी माताजी का देहान्त हो गया। आपके अतिरिक्त आपसे छोटे तीन भाई शिखरचंद,सुभाषचंद एवं निर्मलकुमार और हैं जो आपके साथ ही व्यवसाय कर रहे हैं। प्रकाशचन्द जी उदार स्वभाव के हैं। बघेरा में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में धर्मपत्नी के साथ आप भी इन्द्र इन्द्राणी के पद से सुशोभित श्रीमती प्रकाश चन्द्जी कटारिया पता- नेमीचन्द सुवालाल कटारिया केकडी 1 श्री प्यारेलाल अजमेरा श्री अजमेरा जी मूलत: राजमहल (टौंक) के रहने वाले हैं। वहां से अजमेर आकर व्यवसाय करने लगे। फाल्गुण बुदी 14 संवत् 1967 को आपका जन्म हुआ । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् वस्त्र व्यवसाय में लग गये । संवत् 19132 में आपका पानबाई के साथ विवाह हुआ जिनका सन् 1982 में स्वर्गवास हो गया। ___आपके चार पुत्र हैं । तेजमल जी एवं गुलाबचंद जी कपड़े का व्यवसाय करते हैं। शांतिलाल जी सलमा सतारा का व्यवसाय करते हैं तथा प्रेमचन्द बैंक सर्विस में हैं ! श्री प्यारेलाल जी धार्मिक प्रवृत्ति के बयोवृद्ध सज्जन हैं । आपके पुत्र तेजमल जी ने राजमहल में वेदी का निर्माण करवाकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा विराजमान की है। छोटे धड़े की नशियां में भी आपने एक कमरे का निर्माण करवाया है। पता : मकान नं.425, आगरा रोड,अजमेर । हो चुके है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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