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________________ 482/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री नेमीचंद रांवका ब्यावर के श्री नेमीचंद जी रावका समाज सेवा में आगे रहने वाले व्यक्ति है । आपका जन्म श्रावण सुदी 5 संवत् 197] को हुआ था । सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप कपड़े का व्यवसाय करने लगे। संवत् 1905 में आपका विवाह सुश्री सुगनदेवी से हुआ। आपको एक पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। आपके पिताजी ने छावनी के मंदिर में गुम्बज का निर्माण कराया था। आप दि.जैन पंचायत के 3 वर्ष तक अध्यक्ष रहे । ऐलक पन्नालाल दि.जैन विद्यालय के गत 35 वर्षों से कोषाध्यक्ष हैं । ब्यावर में कपड़े के प्रमुख व्यवसायी हैं। ___ श्री राबका जी के एक मात्र पुत्र शम्भुकुमार बी कॉम. एल.एल.बो. हैं। उनका जन्म 18-11-57 का हुआ। विवाह 12-12-77 को श्रीमती स्नेहलता के साथ संपन्न हुआ। आपने भी विवाह के पश्चात बी.ए. किया है । आपकी चारों पुत्रियों का विवाह हो चुका है | आपकी दूसरी पुत्री श्रीमती कोकिला सेठी एम.ए., पी.एच ड़ी. हैं तथा वीर बालिका विद्यालय में प्राध्यापिका हैं। पता:-डिग्गी मोहल्ला,रांवका भवन, ब्यावर श्री पदमचन्द गंगवाल श्री भूरामल गंगवाल के सुपुत्र श्री पदमचन्द गंगवाल सामाजिक व्यक्ति हैं तथा 30 वर्ष पूर्व चौरु (फागी) से आकर अजमरे रहने लगे हैं। समाजिक कार्य करने में आगे रहते हैं तथा मुनिराजों की सेवा करने में खूब रुचि लेते हैं । दि.जैन औषधालय चौरु की कार्यकारणी सदस्य हैं । दि.जैन धर्मसागर पाठशाला के कोषाध्यक्ष हैं । दि.जैन महासमिति से जुड़े हुये हैं। आपका विवाह सन् 1956 में सुश्री राजकंवर के साथ हुआ ! जिनसे आपको एक पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सभी बच्चे अध्ययन कर रहे हैं । गोटा का व्यवसाय करते हैं। अच्छे उत्साही युवक हैं । पता: श्री पार्श्वनाथ गोटा भंडार, गोल प्याऊ,नया बाजार, अजमेर श्री पन्नालाल पहाड़िया पहाड़िया गोत्रीय श्री पन्नालाल जी मदनगंज किशनगढ में मिष्ठान्न निर्माता हैं । उनका जन्म भादवा सुदी १ संवत् 1977 को हुआ जब आप तीन वर्ष के शिशु थे तभी आपके पिताजी श्री लादूलाल जी चल बसे । आपके लालनपालर का पूरा भार माताजी श्रीमती झमकूबाई पर आ गया । माता जी का अभी वर्ष पूर्व ही स्वर्गवास हुआ है । एक मई 1945 को आपका विवाह ज्ञानवती से हुआ जिससे आपको पांच पुत्र एवं पांच पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । आपके पांच पुत्रों में तीसरे पुत्र सुशील कुमारगोद चले गये शेष चार पुत्र निहालचंद, 'यजेशचन्द, राकेश एव चन्द्रमोहन आपके साथ ही कार्य करते हैं। सभी पुत्रियों का विवाह हो चुका है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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