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श्री धर्मचंद मोदी
ब्यावर नगर के सामाजिक एवं राजनैतिक दोनों ही क्षेत्रों में श्री धर्मचंद जो मोदी का विशिष्ट स्थान है। मोदी जी ब्यावर नगर परिषद् के सन् 1953 से 58 तक मेम्बर रहे तथा ब्यावर काँप्रेस कमेटी के 15 वर्ष से भी अधिक समय तक अध्यक्ष रहे। अजमेर जिला काँग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष तथा अजमेर देहात जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रहे हैं।
राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /481
मोदी जी भगवान महावीर 2500 वां निर्वाण महोत्सव ब्यावर समिति के अध्यक्ष, ब्यावर में महावीर कीर्ति स्तम्भ निर्माण समिति के सेक्रेट्री, जम्बूद्वीप ज्ञान ज्योति राज के संयोजक, महासभा की राजस्थान शाखा के महामंत्री तथा प्रबन्धकारिणी कमेटी के 360 वर्ष से लगातार सदस्य, नगर कौमी एकता समिति के सदस्य रह चुके हैं ।
के संचालक
मोदी जी सहकारी होलसेल उपभोक्ता भंडार के क्ष एवं संत भूधाई दिन हैं । भारत जैन महामंडल के उपाध्यक्ष है। मोदी जी का जन्म 12 सितम्बर 24 को हुआ। आपके माता-पिता श्री मोतीलाल एवं श्रीमती चांदकेशरवाई का बहुत पहले देहान्त हो गया। आपने सन् 1941 में इन्टर किया। सन् 1941 में आपका विवाह सुश्री आनी देवी से हुआ 1 उनसे आपको दो पुत्र सुरेन्द्रकुमार एवं देवेन्द्रकुमार तथा तीन पुत्रियों स्नेलता, शशि एवं प्रभा के पिता बनने का सौभाग्य मिला । श्री सुरेन्द्र कुमार बी. कॉम. है तथा बैंक सर्विस में है। आपके तीन पुत्र हैं। देवेन्द्रकुमार स्वयं का ही व्यवसाय करते हैं। आपकी पत्नी त्रिशला एम.ए. है।
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आप पंचकल्याणक महोत्सव नीमाज के सेक्रेट्री रहे । आपने नशियां में कमरा, फर्श एवं चित्रकारी करवाई तथा पिताजी ने चांदी की गंध कुटी बनवाकर भेंट की। मोदी जी लेखक भी हैं और जैन पत्र पत्रिकाओं में आपके लेख प्रकाशित होते रहते हैं । मोदी जी कट्टर मुनिभक्त हैं। पत्नी के शुद्धखानपान का नियम है। मुनियों को आहार देने में रूचि लेती है। मोदी जी खण्डेलवाल जैन हैं तथा सौगानी उनका गोत्र है ।
पता- सरावगी मोहल्ला, ब्यावर
श्री निहालचन्द्र अजमेरा
सरवाड़ निवासी श्री निहालचन्द अजमेरा का जन्म 23 जुलाई सन् 1953 को हुआ । मिडिल कक्षा तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् सर्राफी के व्यवसाय में पिताजी श्री नेमीचन्द जी अजमेरा को सहयोग देने लगे ।
श्री अजमेरा जी की समाज सेवा में विशेष रुचि है। पीड़ितों एवं शोषितों को सहायता करना अपना कर्तव्य समझते हैं। आपके पिताश्री ने अनेक धार्मिक संस्थाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान किया है । स्थानीय आदिनाथ के मंदिर में कमरों का निर्माण करवाया है। सरवाड़ के तीनों मंदिरों में सिद्ध भगवान की मूर्तियों की प्रतिष्ठा करवाकर विराजमान किया ।
पता:- अजमेरा आभूषण भंडार, सदर बाजार, सरबाड, अजमेर ।