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446/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री हनुमानबक्स गंगवाल
कुली (सीकर) निवासी श्री हनुमानबक्स गंगवाल को समाज में सम्माननीय स्थान प्राप्त है। आपके पिताजी श्री रिखबचंद जी का बहुत पहिले स्वर्गवास हो गया। आप गांव में ही अपना व्यवसाय करते हैं। आपको तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। ज्येष्ठ पुत्र श्री मानिकचंद गंगवाल गोहाटी में रहते हैं । सबसे छोटे पुत्र श्री शांतिलाल सी.ए. हैं तथा जयपुर में व्यवसायरत हैं। दूसरे पुत्र हरकचंद आपके साथ रहते हैं जो दो पुत्र जिनेन्द्र एवं अजय एवं एक पुत्री कल्पना के पिता हैं । आपकी तीनों पुत्रियों-रुक्मणिदेवी,गुणमालादेवी एवं मनभरदेवी का विवाह हो चुका है।
श्री गंगवाल ने अपने गांव के मंदिर में सन् 1972 में एक मूर्ति विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया था । तीर्थ यात्रा में पूर्ण अभिरुचि है। आप मुनिभक्त हैं । मुनि श्री विजयसागर जी की आपने बहुत सेवा की थी।
पता :- मु.पो.कुली (सीकर) राज,
श्री हीरालाल काला
कुचामन निवासी श्री कज्जूलालजी काला के सुपुर श्री हीरालाल काला का जन्म 24 मार्च सन् 1934 को कुचामन में हुआ । हिन्दी प्रभाकर पास करने के पश्चात् आपका विवाह हो गया । आपके तीन पुत्र सुरेन्द्रकुमार,सुनीलकुमार एवं राजेन्द्रकुमार है। चार पुत्रियां तथा एक बहिन है । आपके भाई माणकचन्द जी काला के चार पुत्र अनिलकुमार,कमलकुमार,विजयकुमार एवं आनन्दकुमार हैं । इनके दो पुत्रियां भी हैं।
श्री काला जी का व्यावसायिक क्षेत्र भावनगर (गुजरात) गौहाटी(आसाम) एवं बम्बई है। विशेषता
आए स्वाध्यायशील व्यक्ति हैं। श्री दि.जैन स्वाध्याय मंदिर द्वार के ट्रस्टी एवं दि.जैन मुमुक्षु मंडल भावनगर के प्रमुख दूस्टी,श्री वीतराग सत् साहित्य प्रभाकर ट्रस्ट भावनगर के संस्थापक ट्रस्टी, श्री जिनेश्वरदास दि.जैन विद्यालय ट्रस्ट कुचामन सिटी (राज) के अध्यक्ष व ट्रस्टी तथा श्री दिगम्बर जैन तेरापंथी मंदिर कुचामन सिटी के ट्रस्टी हैं । श्री काला मिलनसार एवं आतिथ्य प्रेमी हैं।
पता - हीरालाल जैन,
580 जूनी मानिकबाड़ी, भावनगर -1 (गुजरात)