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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /445 तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। बड़े लड़के राजेश का विवाह हो चुका है तथा मनोज भी आपके साथ ही कार्य कर रहा है। आपका परिवार सदैव मुनिभक्त रहा है । आपके काकाजी कुन्दनमल जी क्षुल्लक दीक्षा लेकर उदयसागर जो कहलाये तथा काकीजी विमलमती आर्यिका दीक्षा लेकर धर्मसागर जी के साथ रहने लगी। आपने कुचामन में श्री जैन वीर मंडल की सन 1958 में स्थापना की और हाल में आप उसके बराबर कार्यवाहक अध्यक्ष रहे हैं । लूणवां अतिशय क्षेत्र को मैनेजिंग कमेटी के सदस्य है ।कुचामन में आयोजित पंचकल्याणकों को सफल बनाने में पूरा योग दिया। सन् 1989 में जब आप मंच का संचालन कर रहे थे घर में चोरी होने के समाचार मिलने पर भी नाटक समाप्त होने के बाद ही घर गये । णमोकार मंत्र के जाप आदि में विशेष रुचि लेते हैं । इनमें मुनि श्री विवेसागर जी महाराज को विशेष प्रेरणा रही है। पता - उपासरा की गली,कुचामन सिटी (राज.) श्रीपाल पहाड़िया __कुचामन के श्रीपाल पहाड़िया बहुत ही शांत स्वभावी तथा समाजसेवा में तत्पर रहने वाले व्यक्ति हैं । संवत् 1988 में आपका जन्म हुआ । आपके पिताजी श्री चुन्नीलाल थे । आप पांच भाई थे तथा सबसे छोटे आप हैं । संवत 2001 में आपका श्रीमती लादीदेवी से विवाह हो गया 1 जिनसे आपको एक पुत्र महेन्द्रकुमार एवं एक पुत्री प्रेमबाई के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। महेन्द्रकुमार कुचामन में होजरी का व्यवसाय करते हैं 1 पुत्री का विवाह हो चुका है । 30 वर्ष की आयु में आप श्री रामपाल जी के दत्तक चले गये। श्रीपाल जी पहाड़िया ने नागौरी नशियां में दो स्नानघर एवं एक कमरे का निर्माण करवाया । आपसे लेखक को कुचामन में इतिहास लेखन के कार्य में बहुत सहयोग मिला था । आपके एक बड़े भाई टीकमचंद जी पहाड़िया भी प्रसिद्ध समाजसेवी रहे पता : कुचामन सिटी (राजस्थान) श्रीपाल सेठी लाडनूं के श्रीपाल सेठी का जन्म संवत् 1980 में हुआ । मैट्रिक करने के पश्चात् आप अपना व्यवसाय करने लगे। 17 वर्ष की आयु में सोहनीदेवी से विवाह हो गया। जिनसे आपको एक पुत्र अनिल एवं दो पुत्रियां ममता,अमिता के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। दोनों पुत्रियां उच्च शिक्षिता है तथा संगीत में निपुण हैं । आपके पिताजी का नाम स्व.गुलाबचंद जी सेठी एवं माता का नाम स्व.माणकदेवो था । गुलाबचंद जी अच्छे लेखक एवं शास्त्र प्रवचन करते थे। पता :- गांधी चौक,लाडनूं
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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