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________________ 426/ जैन समाज का वृहद इतिहास GAMESH आपके पिताजी को घुडसवारी व ऊंट की सवारी करने का बहुत शौक था। आपके दादा मेघराज जी अपने समय के सर्वाधिक संपन्न व्यक्ति थे । नागौरी मंदिर के निर्माण में आपने पूर्ण महयोग दिया था तथा अपनी ओर से मंदिर के लिये साल गांव में 5 दुकानें एवं एक नोहरा भेंट स्वरूप दिया था। कुचामन में इसी तरह कितनी ही दुकानें देकर समाज को पूर्ण आश्रय प्रदान किया था। आप बड़े उदार हृदय थे। जो भी व्यक्ति सेवरा बांध करके आता उसका विवाह करा देते थे । पोत्या बांध कर आने वाले का मौसर करवा देते थे। कचामन के ठाकरसाहव आपसे बहत प्रसन्न थे।जब कभी आपसे कहीं जाने के लिये कहा जाता था तो कहा करते कि मेघराज थोडे ही नाराज हुआ है जो मुझे उसके पास जाना पडेगा । वे अपने नगर सेठ को बहुत बात मानते थे । पता: मोचियों का मोहल्ला,कुचामन सिटी। AM श्रीमती मोहिनी देवी धर्मपत्नी चिरंजीलाल गंगवाल श्री चौथमल पाटनी ___ नागौर के वयोवृद्ध समाजसेवी श्री चौथमल जी पाटनी 85 वर्ष को पार कर चुके हैं। उनके पीछे समाजसेवा का लम्बा इतिहास है । वर्तमान में वे उदासीन जीवन व्यतीत कर रहे हैं । पत्नी का देहान्त हुये 30 वर्ष हो गये तथा नेत्रों को ज्योति गये हुये 20 वर्ष हो गये । ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा ले रखी है कभी-कभी मुनि संघों में चले जाते हैं। आपके एक मात्र पुत्र श्री जीवराज 48 वर्ष के युवा हैं । उनकी पत्नी का नाम सुलोचना है जिससे आपको 6 पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। ज्येष्ठ पुत्र गजराजको छोडकर सभी विजयकुमार,संजय,अभिषेक,आशीष,अविनाश पढ़ रहे हैं तथा दो पुत्रियों सुशीला एवं सुनीता का विवाह हो चुका है । संगीता एवं शिल्पा अभी पढ़ रही हैं। आपने नागौर पंचकल्याणक में इन्द्र के पद को सुशोभित किया था तथा बीसपंथी मंदिर में महावीर स्वामी को प्रतिमा विराजमान करने का सुखद अवसर प्राप्त कर चुके हैं । आपने अपने परिवार के साथ सभी तीर्थों की वंदना कर ली है। जीवराज जी बीसपंथी समाजसेवी हैं । महावीर इन्टरनेशनल एवं दि.जैन सोनी बाई पाठशाला की कार्यकारिणी के सदस्य हैं । आपकी धर्मपत्नी अष्टाह्निका व्रत का उपदास कर चुकी हैं । शुद्ध खानपान का नियम है। पता : गिनानी गली,नागौर (राज श्री जयकुमार गोधा फतेहपुर शेखावाटी के निवासी श्री जयकुमार गोधा 50 वर्ष के युवा समाजसेवी हैं । आप इन्टरमीजियेट परीक्षा पास करके व्यापारिक लाइन में चले गये। सन् 1958 में आपका विवाह श्रीमती आनन्दी देवी के साथ हुआ। आपको चार पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । चार पुत्रों में रमेश बी कॉम.हैं शेष सुरेन्द्र,कपल एवं पंकज पढ़ रहे हैं । इसी तरह तीन पुत्रियों में मंजू का विवाह हो चुका है तथा ममता एवं प्रियंका पढ़ रही हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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