SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 440
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /425 आपकी धार्मिक प्रवृत्ति रही है । सन् 1985 में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा समारोह में आपने अष्टधातु की दो मूर्तियों प्रतिष्ठित करवाकर मंदिर में विराजमान की। आप महावीर हीरोज के पिछले 10 वर्ष से उपमंत्री हैं। महावीर हायर सैकण्डरी स्कूल के कार्यवाहक मंत्री रह चुके हैं। नगर के सभी धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में पूरी रुचि से भाग लेते हैं । सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विगत 10 वर्ष, .. आदि का गहते हैं। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आप ही इंचार्ज थे । पता : दीपचंद सुकुमाल सेठी, सरावगी मोहल्ला, लाडनूं । श्री चिरंजीलाल काला श्री किशनलाल जो काला के सुपुत्र श्री चिरंजीलाल कुचामन के बहुत ख्याति प्राप्त व्यक्ति थे । आप सन् 1955 से 73 तक नगरपालिका के सदस्य रहे तथा 1961से 73 तक उसके चेयरमैन रहे । ग्राम जल योजना. नेहरू बाल उद्यान, सड़कों का निर्माण जैसरी योजनाओं को क्रियान्वित करके एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया । आपने पंचायत राज के द्वितीय समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी जिला मुख्यालय नागौर पधारी तब आपने उनका भव्य स्वागत किया और नागौर के चेयरमैन श्री इन्द्रजीत जी जैन के साथ उनकी अगवानी की थी। आपके पिताजी श्री किशनलाल जी भी कुचामन ठिकाने के आजन्म कामदार रहे। नगर में उनका पूरा वर्चस्व था । वे समाज के सरपंच थे तथा ठिकाने एवं समाज का प्रतिनिधित्व करते थे। श्री चिरंजीलाल जी का जन्म श्रावण शुक्ला 13 संवत् 1978 में हुआ। 16 वर्ष की आयु में आपका विवाह मोहनी देवी के साथ हुआ । आपने मैट्रिक एवं धर्म की परीक्षा पास की। आप अनाज के व्यवसायी रहे। आपने नयी नसियां के मानस्तंभ में मूर्ति विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया था। पता : महावीर भवन के पास, उपासरा गली,कुचामन सिटी (नागौर) श्री चिरंजीलाल गंगवाल नगर सेठ मेघराज के पौत्र एवं छोटूलाल जी के पुत्र श्री चिरजीलाल गंगवाल का जन्म फाल्गुण बुदी 13 सं. 1376 को हुआ । मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त की तथा पं.चैनसुखदास जी न्यायतीर्थ के शिष्य रहे । बंबई में कपड़े की दलाली करने लगे । संवत् 1994 में आपका पहला विवाह तथा सं 2003 में दूसरा विवाह श्रीमती मोहिनो देवी के साथ हुआ। उनसे आपको 4 पुत्र एवं तीन पुत्रियों को प्राप्ति हुई। प्रथम एवं द्वितीय पुत्र नावां में तृतीय एवं चतुर्थ पुत्र पवन कुमार एवं मनोज कुमार बंबई में व्यवसायरत हैं। तीनों पुत्रियों - मैना, श्रीकान्ता एवं चैन का विवाह हो चुका है। ___ आप कुचामन के पंचकल्याणक में इन्द्र के पद से सुशोभित हुये थे। मुनिभक्त हैं। आ. वीरसागर जी, शिवसागर जी,धर्मसागर जी, विमलसागर जी,सभी आचार्यों की आहार आदि से सेवा कर चुके हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy