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________________ 376/ जैन समाज का वृहद इतिहास राज आप सदस्य रहे । कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की ओर से प्रतिनिधि हैं । निवाई के दि.जैन बड़ा मंदिर के सन् 1981 से अध्यक्ष हैं । आपकी माताजी के शुद्ध खानपान का नियम है । मुनियों की सेवा करने में आपका परिवार निवाई का प्रमुख परिवार पाना जाता है | निवाई लायन्स क्लब के संस्थापक एवं अध्यक्ष रह चुके हैं । खण्डेलवाल सामूहिक विवाह समिति के आप प्रमुख कार्यकर्ता हैं। आपके पिताजी ने आनन्दपुर कालू में नव मंदिर बनवाकर उसकी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा करवाई थी। पता: बालचंद राजेन्द्र कुमार पाटनी, निवाई (टोंक) पं. लाड़लीप्रसाद जैन पापड़ीवाल वेदी प्रतिष्ठा, विधान,विवाह संस्कार आदि क्रियाओं में दक्ष पं. लाइलोप्रसाद जी पंचकल्याणक प्रतिष्ठाओं में भी सहयोगी प्रतिष्ठाचार्य का कार्य करने लगे हैं। मुनि श्री चन्द्रसागर जी महाराज आपके संस्कार गुरु एवं ब.प्रतिष्ठाचार्य सूरजमल जी बाबाजी आपके धर्मगुरु है । लेकिन आपने स्वाध्याय के बल पर ज्ञानार्जन किया है और उसी का फल है कि वर्तमान में आप विधान कराने वाले पंडितों की प्रथम पंक्ति में आ गये हैं। आपका जन्म मंगसिर कृष्णा 11 सं. 1977 को मंडावरा कोटा में हुआ। मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आपको व्यवसाय में जाना पड़ा। 10 वर्ष की अवस्था में आप अपने चाचा के गोद आ गये। आपका विवाह श्रीमती निर्मला देवी के साथ हो गया। आपको तीन पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । ज्येष्ठ पुत्र विमलप्रकाश जी एवं तीसरे पुत्र राजेन्द्रकुमार दोनों बैंक सर्विस में हैं । द्वितीय पुत्र वीरेन्द्र वस्त्र व्यवसायी है। आप समाजसेवी हैं । अ.विश्व जैन मिशन, सिद्धान्त संरक्षिणी सभा 'शास्त्री परिषद' विद्वत परिषद, दि. जैन महासभा चन्द्रसागर स्मृति ट्रस्ट सभी से जुड़े हुये हैं। देश के विभिन्न नगरों एवं गांवों में वेदी प्रतिष्ठा एवं विधान आदि करा चुके हैं। पहिले आप जयपुर राज्य प्रजामंडल के सक्रिय सदस्य रहे हैं । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं जनसंघ के भी सक्रिय सदस्य रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एवं जनसंघ के भी सक्रिय कार्यकर्ता रह चुके हैं । कितने ही स्थानों से आप सम्मानित हो चुके हैं तथा धर्म प्रभावक, समाजरत्न, वाणी भूषण, प्रतिष्ठा भूषण, प्रतिष्ठाचार्य आदि उपाधियों से सम्मानित हो चुके हैं। जैन पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं । सवाई माधोपुर के दि.जैन मंदिर दीवाण जी में आदिनाथ भगवान की मूर्ति प्रतिष्ठित करवाकर विराजमान कर चुके हैं। पं.लाड़लीप्रसाद जी मधुर पाषी एवं शान्त प्रकृति के पंडित हैं। पता: पं.लाड़सीप्रसाद जैन पापड़ीवाल नवीन” सवाई माधोपुर पापड़ीदाल पवन,सवाई माधोपुर (राजस्थान) पिन 322029
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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