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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज/377 श्री सूरजमल कासलीवाल (भसावड़ी) दिगम्बर जैन समाज सवाई माधोपुर के अध्यक्ष श्री सूरजमल कासलीवाल चांदी सोने के व्यापारी हैं। आप कट्टर मुनि थक्त हैं। शुद्ध खान-पान का नियम लिया हुआ है। साधुओं को आहार देने में आगे रहते हैं। आपने सवाई माधोपुर में ही श्री चन्द्रसागर दिगम्बर जैन विद्यालय भवन निर्माण का यशस्वी कार्य किया है। कासलीवाल जी का जन्म माह सुदी 7 संवत् 1980 को हुआ। आपके पिताजी का . स्वर्गवास सन् 1931 में 42 वर्ष की आयु में हो गया था । आपकी माताजी वर्तमान में 90 वर्ष की हैं। जो समाज में सबसे बड़ी हैं। आपका विवाह सुश्री लक्ष्मीदेवी के साथ संवत् 2013में मंगसिर महिने में हुआ । आप 6 पुत्रों एवं एक पुत्री से सुशोभित हैं । पुत्रों में श्री मोहनलाल, नेमिचन्द,रमेशचन्द एवं ओमप्रकाश सभी ग्रेज्यूएट है। शेष पुत्र भागचन्द,राजेन्द्र एवं सुश्री मीना कुमारी पढ़ रही है। आप इस वक्त करीबन 10 साल से दि.जैन समाज के अध्यक्ष पद पर हैं व श्री दि.जैन चन्द्र सागर विद्यालय के भी अध्यक्ष हैं। श्री कासलीवाल जी सामाजिक व्यक्ति है इसलिये सामाजिक कार्यों में पूरा योगदान देते हैं। पता : सूरजमल, मोहनलाल जैन सर्राफ, सवाई माधोपुर श्री सुरज्ञानीलाल बाकलीवाल बाकलीवाल परिवार में दि. 1 जुलाई सन् 1950 को जन्में श्री सुरशानीलाल जी टोडारायसिंह के प्रमुख युवा समाजसेवी हैं। आप के पिताजी श्री मोहनलालजी सर्राफी का व्यवसाय करते थे । आपकी माता का नाम श्रीमती मनफूलदेवी है । आप टी डी.सी.द्वितीय वर्ष तक पढ़ने के बाद वस्त्र व्यवसाय में चले गये । जिसमें आपको अच्छी सफलता मिल रही है। आपका विवाह सुश्री कमला देवी के साथ दि.20 नवम्बर 71 को संपन्न हुआ जिनसे आपको दो पुत्र अविनाश एवं सुमित तथा एक पुत्री मेनका का पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। । आपकी माताजी ने धर्मशाला के चैत्यालय में दो प्रतिमायें विराजमान की हैं। आपके पिताजी . नगर परिषद टोडारायसिंह में उपाध्यक्ष पद पररहे । आप स्वयं पार्श्वनाथ दि.जैन मंदिर के मंत्री ___ आप सहित 5 भाई है । सबसे बड़े महेन्द्र कुमार जी 48 वर्ष के हैं। तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता हैं । पत्नी का नाम चमेली देवी हैं । सामाजिक कार्यों में आगे रहते हैं। दूसरे बड़े भाई पदमचंद जी सर्राफी का कार्य करते हैं । तीन पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं । पली का नाप कंचनदेवी है । आपके छोटे भाई वीरकुमार राज्यसेवा में हैं। सबसे छोटा अनिलकुमार पंचायत सर्विस में है। आपके पिताजी तीन भाई हैं। रतनलाल जी, मोहनलाल जी एवं गूजरमल जी । श्री रतनलाल जी ने बघेरा के मंदिर में फर्श एवं नवीन वेदी का निर्माण करवाकर जीर्णोद्धार करवाया । आपके चाचाजी गूजरमल जी ने मुनि चारित्र सागर जी की स्मृति में टोडारायसिंह में सन 6 में सत्तरी का निर्माण करवाकर उनके चरण स्थापित किये । आपके चाचा सुगनचंद जी बाकलीवाल
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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