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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /373 श्री छाबड़ा जी धार्मिक प्रवृत्ति वाले हैं। शुद्ध खान-पान का नियम है । मुनि भक्त हैं । साधुओं को आहार देने में रुचि रखते हैं । श्री चन्द्रसागर स्मृति ट्रस्ट के मंत्री हैं । सर्राफा एसोसियेशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। चन्द्रसागर स्मारक ट्रस्ट में नवीन वेदी का निर्माण करवाकर चन्द्रप्रभु स्वामी की प्रतिमा विराजमान की थी। अग्रवाल जैन नशियां में भी बेदी निर्माण करवाकर महावीर स्वामी की मूर्ति विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया । शांति वीर नगर में धर्मनाथ स्वामी की वेदी बनवाकर उसमें धर्मनाथ स्वामी को प्रतिमा विराजमान करवाई। नगरपालिका (सन् 1955) में सदस्य रहे । दि.जैन वाचनालय के अध्यक्ष रह चुके हैं। नगर कांग्रेस के सक्रिय सदस्य हैं। आपके पुत्र श्री चन्द्रप्रकाश जी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष युके हैं : अ.३.क.ल वारसा नी हैं। सफा संघ के उपाध्यक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्य रह चुके हैं। सामाजिक सेवा में आगे रहते हैं । चमत्कार क्षेत्र में मंत्री रह चुके हैं। पता : लक्ष्मीचन्द माणकचन्द सर्राफ, सवाई माधोपुर (राज) श्री माणकचंद सौगानी सौगानी परिवार में दि.4 जनवरी 1922 को जन्में श्री माणकचंद जी सौगानी टौंक के प्रतिष्ठित समाजसेवी हैं । आपके पिताजी श्री माधोलाल जी का 82 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हुआ जबकि माताजी 25 वर्ष की आयु में ही चल बसी । आपने सामान्य शिक्षा प्राप्त की और सर्राफी का धन्धा कर लिया। वर्तमान में आप सौगानी आइल मिल के मालिक हैं । सन् 1938 में आपका सुश्री नजर बाई से विवाह हुआ जिनसे आपको तीन पुत्र एवं चार पुत्रियों की प्राप्ति हुई । सबसे बड़े पुत्र श्री रतनलाल 44 वर्ष के होंगे। उनके दो पुत्र एवं तीन पुत्रियां हैं तथा अपना अलग व्यवसाय कर रहे हैं । द्वितीय पुत्र श्री प्रकाशचन्द बी कॉम, है 42 वर्ष की आयु है तथा . ... दो पुत्र एवं दो पुत्रियों के पिता हैं । तृतीय पुत्र श्री हुकमचंद वी कॉम है 3 बच्चों के पिता हैं । दोनों भाई मिल का कार्य देखते हैं। श्री सौगानी जी की सभी पांच पुत्रियों,मुन्ना, शकुन्तला,उषा,मंजु,रेणु का विवाह हो चुका है । मंजु एवं रेणु ने बी.ए. कर लिया है। आपकी पत्नी धर्मपरायण है। एक बार अष्टान्हिका का उपवास कर चुकी हैं। दौंक के प्रसिद्ध श्याम बाबा मंदिर के व्यवस्थापक है तथा उसी मंदिर में प्रतिदिन पूजा अभिषेक करते हैं। तीर्थ यात्रा प्रेमी हैं । दक्षिण भारत को छोड़ सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं । रौंक नगरपालिका के सन् 1950 से 62 तक सदस्य रह चुके हैं। पता : सोगानी आइल मिल, सुभाष बाजार,टोक श्री रतनलाल जैन पापड़ीवाल एक जनवरी सन् 1942 को जन्में श्री रतनलाल जैन का टैकं जिले के समाजसेवियों में विशिष्ट स्थान है । आपके पिता श्री बालचंद जी एवं माता श्रीमती जानकीदेवी दोनों ही अपने गांव नासिरदा विराजते हैं। आपने एम.ए. (अंग्रेजी) बी एड किया तथा राज्य सेवा में अध्यापक पद पर कार्य करने लगे । वर्तमान में आपका प्रधानाध्यापक के पद पर राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा चयन हो चुका है। Pribe E
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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