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________________ श्री पदमचंद जैन भौंच खण्डेलवाल जैन जाति के भौंच गोत्रीय श्री पदमचंद जी का अलवर जैन समाज में विशिष्ट स्थान है। वर्तमान में आप 60 वर्ष पार कर चुके हैं। आपके पिताजी श्री गुलाबचंद जी का स्वर्गवास 16 मई 1968 हुआ था किन्तु आपकी माताजी सुन्दरबाई का आशीर्वाद अभी प्राप्त है। आपका विवाह श्रीमती कस्तूरी देवी से हुआ, जिनसे आपको 5 पुत्र 3 पुत्रियों की प्राप्ति हुई। श्री पदमचंद जी धार्मिक स्वभाव के व्यक्ति हैं। किशनगढ़ पंचकल्याणक में इन्द्र इन्द्राणी के पद से सुशोभित हुये थे । मुनियों के परमभक्त हैं। शुद्ध खान-पान का नियम विमलसागर जी महाराज से लिया एवं आ. शिवसागर जी महाराज को आहार देकर पुण्य प्राप्त किया | आपके पांच पुत्रों में निर्मलकुमार बी.ए. हैं। श्रीमती पुष्पादेवी उनकी पत्नी हैं। दूसरे पुत्र श्री पवनकुमार एम.ए. हैं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती किरण भी एम.ए. हैं। सतीश ने भी एम.ए. कर लिया है। शेष दोनों राकेश एवं नवीन पढ़ रहे हैं । पता : 1 साहजी का चौक, अलवर 2- गुलाब चंद पदमचंद जैन, कृषि मंडी, अलवर राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /367 श्री प्रेमचन्द कासलीवाल श्री प्रेमचंद जैन कासलीवाल मालपुरा क्षेत्र के प्रसिद्ध वकील हैं। आपके पिताजी श्री मांगीलाल जी भी अपने समय के ख्याति प्राप्त वकील एवं समाजसेवी थे। आपकी माता श्रीमती भंवरीबाई का निधन हो गया । आपका जन्म 15 जून 1936 को हुआ। बी.कॉम., एल.एल.बी. करने के पश्चात् आपने वकालात करना प्रारंभ कर दिया । आपका विवाह श्रीमती के साथ हुआ। आपको एक पुत्री एवं तीन पुत्रों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। आपकी पुत्री श्रीमती कुसुम जैन बी.ए., एल.एल.बी. है। ज्येष्ठ पुत्र श्री रविकुमार मालपुरा में एडवोकेट है। श्री राकेश कुमार एम.बी.बी.एस. डाक्टर है तथा श्री जिनेन्द्र कुमार बी.एससी., एल. एल. बी. है। श्री कासलीवाल जी जनता पार्टी में हैं। सन् 1977 में 86 तक मालपुरा नगर जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं तथा टौंक जिला कार्यकारिणी के सदस्य हैं। मालपुरा नगरपालिका में सन् 1973 से 77 तक चेयरमैन रहे आप गतिशील कार्यकर्ता एवं समाजसेवी हैं। आपके बड़े भाई श्री भानुकुमार जी जैन डिस्ट्रिक्ट जज रह चुके हैं। पता मालपुरा, जिला टौंक " श्री प्रेमचंद बड़जात्या बिलासपुरिया आपके पूर्वज बिलासपुर गांव से आने के कारण बिलासपुरिया उपनाम से प्रसिद्ध श्री प्रेमचंद जी बड़जात्या का जन्म 10 अगस्त, 1933 को हुआ ! आपके पिता श्री चिमनलाल जी का 50 वर्ष की आयु में संवत् 2001 में स्वर्गवास हुआ था | माताजी श्रीमती चौथी बाई का निधन 82 वर्ष की आयु में हुआ ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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