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________________ 368/ जैन समाज का वृहद् इतिहास सन् 1953 में आपका विवाह श्रीमती तारादेवी के साथ संपन हुआ । जिनसे आपको तीन पुत्र पवन, प्रवीण एवं महावीर तथा एक पुत्री वंदना की प्राप्ति हुई। कुमारी वंदना का विवाह हो चुका हैं। तीनों पुत्र पढ़ रहे हैं। बड़जात्या जी वर्तमान में दि. जैन तेरापंथी चन्द्रप्रभु मंदिर के अध्यक्ष हैं 1 युवा कार्यकर्ता हैं। राज्य सेवा में हैं तथा तहसील टोंक में भू-अभिलेख निरीक्षक हैं। पता महावीर जनरल स्टोर, पुरानी टौंक, टौंक N श्री पारसदास सोनी टौक स्थित सोनियों के मंदिर के प्रमुख कार्यकर्ता श्री पारसदास सोनी का जन्म भादवा सुदी 14 संवत् 1975 में हुआ । आपके पिताजी श्री मांगीलाल जी थे जिनका 45 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। माता जी तो आपको 1 महिने का हो छोड़ कर स्वर्ग चली गई 115 वर्ष की आयु में आपका विवाह भंवरबाई से हो गया। आपको चार पुत्र एवं चार पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सभी पुत्र सर्व श्री कैलाशचंद जी, धनराज जी, रमेशचंद जी एवं पदमचंद तथा पुत्रियां शांति बाई, सुशीला बाई, कमला बाई एवं मैना बाई सभी का विवाह हो चुका है। मैना बाई ने एम.ए. किया है। टौंक स्थित सोनियों का मंदिर आपके पूर्वजों बनाया हुआ है। शुद्ध गान का नियम ले रखा है। मुनियों के लिये आहार की व्यवस्था करने में निपुण हैं। तीर्थ यात्रा प्रेमी हैं सभी तीर्थों को वंदना कर चुके हैं। पता - माणक चौक, पुरानी टौंक १ श्री फूलचंद भौंसा दिगम्बर जैन समाज में वयो वृद्ध श्री फूलचंद भैंसा का जन्म सावण त्रुदी अष्टभी संवत् 1971 में हुआ। आपके पिताश्री मोतीलाल जी का स्वर्गवास 85 वर्ष की अवस्था में संवत् 2017 में हुआ तथा माताजी कपूरी बाई उनके पूर्व ही संवत् 20000 में चल बसी । बम्बई परीक्षालय को विशारद पास करने के पश्चात् आप चांदी सोने का व्यवसाय करने लगे जिसमें आपको अच्छी सफलता मिली। आपके तीन विवाह हुये। अंतिम विवाह संवत् 2002 में शांति बाई के साथ हुआ । श्री पारस सुपुत्र श्री फूलचंद भीमा आपको चार पुत्र अर्जित कुमार, पारस कुमार, निर्मल कुमार एवं प्रवीण कुमार एवं मैना, मनोरमा, गुणमाला एवं सुलोचना के पिता होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । श्री फूलचंद जी सामाजिक व्यक्ति हैं। तेरहपंथी मंदिर के अध्यक्ष हैं। शुद्ध खानपान का नियम है। मुनियों की भक्ति में तथा उनकी आहार आदि से सेवा सुश्रूषा करने में आगे रहते । उत्तर भारत के सभी तीर्थों की यात्रा कर चुके हैं। पता : फूलचंद अजितकुमार जैन सर्राफ, सवाई माधोपुर
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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