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________________ 362/ जैन समाज का वृहद् इतिहास श्री इन्द्रमल बज क जैन समाज के प्रमुख समाजसेवी श्री इन्द्रमल जी बज का जन्म संवत् 1991 में हुआ। आपके पिताजी का नाम श्री राजूलाल जी था। लेकिन आप उनके अग्रज दिवंगत घासीलाल जी के दत्तक हो गये। वे लगभग 400 वर्ष की आयु में दिवंगत हुये थे। आपने सन् 1961 में एम.ए. तथा सन् 1962 में बी. एड. किया। आपने अपना जीवन अध्यापक के रूप में प्रारंभ किया । जयपुर में दि. जैन महावीर हायर सैकण्डरी स्कूल, अग्रवाल कालेज, वीर बालिका विद्यालय तथा बगरू, विचून, जोबनेर, निवाई, दतोब एवं टोंक के राजकीय विद्यालयों में आपने कार्य किया किन्तु उसे अपने अनुकूल नहीं समझ कर छोड़ दिया तथा आप टौंक में वस्त्र व्यवसाय करने लगे। यह आपका टोंक में नवाबी शासन की स्थापना से ही पैतृक व्यवसाय था । आप जयपुर में अपने अमज के इसी व्यवसाय में निरन्तर सहयोग करते रहे थे। इस व्यवसाय में आपको अच्छी सफलता मिली। सन् 1957 में आपका विवाह श्री गुलाबचंद कासलीवाल बॉसी वाले की पुत्री सुश्री रतनदेवी के साथ हुआ जिनसे आपको दो पुत्र और एक पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । ज्येष्ठं पुत्र चन्द्र प्रकाश ने एम.कॉम. तक शिक्षा प्राप्त की । आपका सुश्री सरोज के साथ विवाह हो चुका है जिनसे सन 89 में एक पुत्र और 91 में एक पुत्री ने जन्म लिया है। पुत्री का नाम चन्द्रकला है तथा उसने एम.ए. कर लिया है तथा उनका विवाह महावीर नगर जयपुर में श्री माधोलाल अजमेरा के कनिष्ठतम पुत्र जितेन्द्र कुमार के साथ हुआ है। दूसरे पुत्र ललित कुमार बज ने एम. कॉप किया है। दोनों पुत्र भी वस्त्र व्यवसाय में लगे हुये हैं। बज साहब समाज की प्रत्येक गतिविधि में निष्ठा के साथ भाग लते हैं। आप अच्छे वक्ता हैं । दि. जैन तेरापंथी चन्द्र प्रभु ट्रस्ट, टोंक के आप लगभग 15 वर्ष तक अध्यक्ष रह चुके हैं। रामायण, गीता, महाभारत बौद्ध प्रेरक उदाहरणों के साथ आपके जैनेतर समाज में भी व्याख्यान होते रहते हैं। आपकी छोटी बहिन मैना ने टौंक के जैन महिला समाज में सबसे पहले एम.ए. किया है। अब वे इन्दौर में एक उत्साही उद्योगपति श्री राजेन्द्रकुमार जैन की भार्या हैं। बज साहब के बड़े भाई श्री माणकचंद जी बज का जयपुर समाज में प्रतिष्ठित स्थान हैं। पता : जैन कटपीस स्टोर, सुभाष बाजार, टोंक (राज) श्री कन्हैयालाल छाबड़ा टोडारायसिंह के वयोवृद्ध समाजसेवी श्री कन्हैयालाल जी छाबड़ा वर्तमान में अपना शांतिपूर्वक जीवनयापन कर रहे हैं। 7 मार्च 1922 को आपका जन्म हुआ। मैट्रिक की परीक्षा पास की। राज्य सेवा में चले गये तथा 55 वर्ष की आयु मे सेवानिवृत्त हो गये । आपके पिताजी का नाम मोतीलाल जी एवं मां का नाम एजनबाई था । I आपका विवाह सन् 1942 में सुश्री कंचनदेवी के साथ संपन हुआ। जिनसे आपको दो पुत्रों की प्राप्ति हुई। बड़ा पुत्र निर्मलकुमार बी.एससी. है। विवाहित है। धर्मपत्नी का नाम मंजुदेवी है। दो पुत्र एवं एक पुत्री के पिता हैं। तहसील में कनिष्ठ लेखाकार है। दूसरा पुत्र अशोक कुमार एम. काम. है । आपकी पत्नी का नाम बीना है जो वर्तमान में तीन पुत्रों की मां है तथा सैन्ट्रल को आपरेटिव बैंक में कार्य कर रही है।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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