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________________ राजस्थान प्रदेश का जैन समाज 361 श्री इन्दरमल सोनी चौधरी चौधरो उपनाम से प्रसिद्ध श्री इन्दरमल जी सोनी युवा समाजसेवी हैं। आपका जन्य फाल्गुण बुदी अमावस संवत् 1993 को हुआ | आपके मातापिता दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है । सन् 1953 में आपने मैट्रिक किया और उसी वर्ष आपका सुश्री प्रेमदेवी के साथ विवाह हुआ। आपको एक पुत्र अनिल कुमार एवं चार पुत्रियां संतरा, मंजू, अनिता एवं सुनिता के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। चारों लड़कियों का विवाह हो चुका है। टौंक में आपके पूर्वजों ने करीब 200 वर्ष पूर्व चौधरियों का दि. जैन मंदिर तथा गृह दैत्यालय का निर्माण करवाया । मुनि योगीन्द्र सागर जी महाराज से रात्रि भोजन त्याग एवं प्रतिदिन देव दर्शन करने का नियम लिया था जिसका अच्छी तरह पालन कर रहे हैं। पता : कन्हैयालाल नाथूलाल जैन कपड़े के व्यापारी,पांचबत्ती टौक । श्री इन्द्रमल जैन पाटनी टोडारायसिंह निवासी श्री इन्द्रमल जैन स्वयं तो उच्च शिक्षित हैं साथ में उनका पूरा परिवार शिक्षा के क्षेत्र में आगे है। तीन अप्रेल सन् 1930 में जन्में श्री इन्द्रमल जी ने एम.ए(राजनीतिशास्त्र एवं हिन्दी),बी.एड. किया है, तथा वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दतोब (टौंक जिला) में प्रधानाध्यापक के पद से सेवा निवृत्त हो चुके हैं। आपकी पत्नी का नाम दिलभर देवी है 1 आपके दो पुत्र हैं । प्रथम पुत्र श्री अशोककुमार एमबी बी.एस. हैं तथा फतेहगढ़ (अजमेर) में मेडिकल आफीसर हैं। दूसरा पुत्र श्री सुनील कुमार बी ई.ए.जी) है तथा डी.आरड़ी.ए. अजमेर में कनिष्ठ अभियंता है। श्री पाटनी जी सादगी के साथ जीवनयापन करते हैं । संवत् 2011 में आपने अणुव्रत ग्रहण किये तथा देवदर्शन एवं रात्रि भोजन एवं जमीकन्द त्याग का निष्ठा के साथ पालन करते हैं । जून,85 में नेमिनाथ स्वामी के मंदिर में शांतिनाथ स्वामी की प्रतिमा विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया। आपकी एक मात्र पुत्री कान्ता का विवाह हो चुका है। आपकी बड़ी पुत्रवधू स्नेहलता एम.एससी. (जुलोजी) है । छोटी पुत्रवधू अनिता एम.ए.(अंग्रेजी) हैं। आपको माता श्रीमती गुलाबबाई वर्तमान में आर्यिका शांतिमती माताजी है। इनका समाधिमरण अडिन्दा पार्श्वनाथ (उदयपुर) में 25-12-88 को हुआ । आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज के अन्तिम समय में आप आचार्य अजित सागर महाराज के संघ में थीं । आपका जन्म हमीरपुर गांव में अम्बालाल जी बड़जात्या की पुत्री के रूप में हुआ। प्रारंभ से ही आपकी रुचि धार्मिक कार्यों में रही । आपको आर्यिका दीक्षा टोडारायसिंह में संवत् 2028 में मंगसिर बुदी 6 श्री सन्मति सागर जी महाराज द्वारा हुई थी। पता : कोठ्यारी चौक, टोडारायसिंह (टौंक)
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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