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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /329 श्री हरकचन्द चौधरी बड़जात्या मोजमाबाद (जयपुर) के चौधरी परिवार में 5 सितम्बर 1923 को जन्में श्री हरकचन्द . जी चौधरी जन साधारण की सेवा में विश्वास रखते हैं । आपके पिताजी श्री कस्तूरचन्द जी का सन् 1972 में निबन हो गया तथा माला को मनोमा देवी का 3 में ही स्वर्गवास हो । गया। मैट्रिक एवं सुधाकर साहित्य करके आप राज्य सेवा में चले गये तथा विभिन्न राजपत्रित पदों पर कार्य करते हुये अन्त में जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण अधिकारी के पद से सन् 1978 में सेवा निवृत्त हुये। चौधरी जी का विवाह दि.17 फरवरी 1944 को श्रीमती कमला देवी के साथ संपन्न हुआ । आप दोनों को दो पुत्र एवं दो पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। आपका ज्येष्ठ पुत्र राजेन्द्र कुमार राज्य 'सेवा में है । आप को पत्नी का नाम मंजूलता है । आपके दो पुत्र हैं। छोटा पुत्र धीरेन्द्र कुमार है । पत्नी अरुणा है । एक पुत्री को माता बन चुकी है। दोनों पुत्रियां राजकुमारी एवं कनकलता बी.ए. एवं एम.ए. हैं । दोनों का विवाह हो चुका है। श्री हरकचन्द जी बरकत नगर जैन समाज के लोकप्रिय अंग हैं। मंदिर के जीर्णोद्धार में आपका विशेष सहयोग रहता है । मोजमाबाद के आदिनाथ स्वामी के मन्दिर के जीर्णोद्धार में आपको विशेष रुचि रहती है। आप अपने पेटेन्ट नुक्सों से रोगियों को रोग मुक्त कर देते हैं। पता-9 वर्धमान जनरल स्टोर्स, किसान मार्ग,टौंक ब्रिज,जयपुर। श्री हरकचन्द पाटनी बैंक ऑफ राजस्थान में अधिकारी पद पर कार्यरत श्री हरकचन्द पाटनी का जन्म 28 मार्च 1938 को हुआ। आप 1955 में अपने मामाजी श्री नाथूलाल जी पाटनी खारी कुई बालों के दत्तक पुत्र बने । बैंक में सर्विस करते हुये आपने बी.ए.पास किया । सन् 1958 में आपका विवाह मुन्ना देवी के साथ संपन्न हुआ 1 आपके तीन पुत्र राकेश, राजेश एवम् राजीव व एक पुत्री रेणु है। राकेश बी.एस.सी.करने के पश्चात् कम्प्यूटर प्रोफेशन में चले गये । राजेश ने बी कॉम.(आनर्स) करने के पश्चात् सी.ए. पास किया । राजीव एम.कॉम. फाईनल कर रहा है । आपकी पुत्री रेणु एम.ए. हैं एवम् बिवाहित है। पाटनी जी सामाजिक कार्यों में रुचि एवम् लगन रखने वाले हैं। आप भारतवर्षीय दि.जैन परिषद् की राजस्म्यान शाखा के मन्त्री रह चुके हैं। श्री दि.जैन मन्दिर जी खिन्दुकान,जयपुर के 8 वर्षों तक मंत्री रहकर आपने समाज एवम् मन्दिर के लिये बहुत अच्छा कार्य किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आप पूरी रुचि रखते हैं तथा सामाजिक सेवा करने में आप सदैव आगे रहने वाले युवा साथी हैं। पता - चूरूकों का रास्ता,जयपुर।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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