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________________ 314 जैन समाज का वृहद् इतिहास सामाजिक सेवा - आप शान्त स्वभात्री तथा चुपचाप सेवा कार्य करने में विश्वास रखते हैं। सन् 1982 में जयपुर में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में इन्द्र के पद को सुशोभित किया। आप वर्तमान में सरस्वती ग्रंथमाला के अध्यक्ष एवं श्री महावीर ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष हैं। पता- 300 हरीश मुखर्जी रोड़, तीसरा तल्ला, कलकत्ता-25 फोन 485334484029 श्री विजयकुमार पाटनी धार्मिक संस्कारों से ओतप्रोत श्री विजयकुमार पाटनी जवाहरात के व्यवसायी हैं। समाज सेवा की लगन उन्हें अपने स्व. पिताश्री सूरजमल जी पाटनी से प्राप्त हुई थी। श्री सूरजमल अपने जमाने के प्रसिद्ध समाज सेवी थे तथा पं. चैनसुखदास जी न्यायतीर्थ के विश्वासपात्र सहायक थे । उनका दि. 27 मई 84 को निधन हो गया। श्री सूरजधन पानी श्री विजयकुमार जी का जन्म 7 जुलाई 1951 को हुआ। आपने सन् 1976 में राज. विश्वविद्यालय से बी.कॉम. दिया और फिर जाट के व्यय में प्रवेश किस । पाि आपके लिये यह व्यवसाय एकदम नया था लेकिन अपनी लगन एवं सूझबूझ से आपको इसमें अच्छी सफलता मिली। 13 मार्च सन् 1974 को आपका विवाह श्री सूरजमल जी जोशी (बाकलीवाल) की सुपुत्री उर्मिला देवी के साथ संपन्न हुआ। श्रीमती लाजी हायर सैकण्डरी परीक्षा पास है। आप दोनों को एक पुत्र नीलेश एवं दो पुत्रियां वर्तिका एवं नीतिका के माता पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है ! मंदिरों के जीर्णोद्धार कराने में आपकी गहरी रुचि है। अब तक आपने बगराना (जयपुर) एवं जोबनेर के मंदिर का जीर्णोद्धार कराने में आर्थिक सहयोग दिया हैं। आपके दो बड़े भाई श्री पदमचन्द पाटनी रोडवेज में एवं श्री कैलाशचन्द जी पाटनी बैंक सेवा में है। पाटनी जी से समाज को बहुत आशायें हैं। पता:- 4/ 28 रत्नदीप, किसान मार्ग, बरकतनगर, जयपुर- 15 श्रीमती उपला देवी श्री विजय कुमार पाटनी
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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