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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /315 श्री विपिनकुमार तोतूका तोतूका परिवार में अक्टूबर सन् 1947 को जन्मे श्री विपिनकुमार तोतूका स्व. श्री सरदारमल जी तोतूका के सुपुत्र हैं। आपकी माताजी श्रीमती कपूरीदेवी अत्यधिक धार्मिक महिला थी । प्रतिदिन घण्टों पूजापाठ करती रहती थी । वे और मंदिर कुछ वर्षों के लिये एक पर्याय बन गये थे । विपिन जी ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया । वर्तमान मे राजकीय सेवा में राजस्थान वन विभाग में सम्पदाधिकारी पद पर कार्य कर रहे हैं। आपके बड़े ई. कैलाशचन्द गोपूना का जन सागर जी रात दिसम्बर सन् 1942 को हुआ। सन् 1971 में आपने बी.कॉम. किया तथा राजकीय सेवा में कार्य करने लगे | 9 मई सन् 1965 को मुन्नादेवी के साथ आपका विवाह हुआ। आपके दादाजी श्री चिमनलाल जो तोतूका राजकीय सेवा के साथ दो गांवों के जागीरदार थे । उनको मृत्यु के पश्चात् आपके पिताजी जागीरदारी का कार्य देखते रहे । सन् 1957 में जागीरदारी प्रथा समाप्त हो गई। डॉ.कैलाशचन्द जी होमियोपैथ डाक्टर हैं । सन् 19461 में आपने होम्योपैथिक पद्धति में एक निशुल्क चिकित्सालय की स्थापना की । इसके पश्चात् जैन डा. केलाशचन्द तांतूका होमियो चिकित्सा सेवा समिति की सन् 1986 में स्थापना की जिसका उद्देश्य आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न व्यक्तियों से अर्थ संग्रह करके दीन एवं गरीब रोगियों को होम्योपैथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है । आष दोनों भाईयों के प्रयास से बरकत नगर के रामलीला मैदान में सर्वधर्म देवालय प्रांगण में चन्द्रप्रभु दि. जैन मंदिर को स्थापना हुई तथा उसमें भगवान महावीर की प्रतिमा विराजमान की गई। डॉ. कैलाशचन्द जी की बचपन से ही पूजा अर्चना करने में रुचि रही हैं । जो अब तक चलो आ रही है। आप दोनों भाई शंतिप्रिय,सरल स्वभावी एवं धार्मिक कार्यों में भाग लेते रहते हैं। पता- 1. डी 175 कृष्णा नगर (प्रथम) गांधी नगर मोड,टौंक रोड, जयपुर __2.771 बरकत नगर,किसान मार्ग,टौंक रोड़,जयपुर श्री विनयचन्द पापड़ीवाल श्री विनयचन्द पापड़ीवाल तेरहपंथ महासभा के संस्थापकों में से एक हैं । समन्वयवाणी पत्रिका के संपादन में सहयोग देते रहते हैं। स्वयं भी विभिन्न जैन पत्र-पत्रिकाओं में लेख लिखते रहते हैं। जयपुर की विभिन्न संस्थाओं से जुड़े हुये हैं। राजस्थान जैन सभा तेरहपंथी बड़ा मंदिर के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। महावीर जयन्ती स्मारिका के संपादक मंडल में रहते हैं । युवा परिषद को राजस्थान शाखा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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