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________________ जयपुर नगर का जैन समाज :313 आपका विवाह सन् 1932 में श्रीमती उमरावदेवी के साथ हुआ | आपको तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । आपके सबसे बड़े पुत्र श्री महावीर प्रसाद अच्छे पत्रकार हैं। श्री ज्ञानचंद एवं श्री राजेन्द्रकुमार दोनों बैंक सर्विस में हैं। संगीत में आपकी गहरी रुचि है। मास्टर नानूलाल जी भौसा एवं अन्य जैन कवियों के आपको बहुत से भजन पाठ याद हैं। स्वयं बाजा बजाते हैं । मित्रगण आपको संगीत समाट् कहते हैं। अभी आपने अपने पिताजी की 117 वी जयन्ती पर स्मारिका 9.9-89 को प्रकाशित की थी । आप अपनी धुन के पक्के हैं । अपने प्रतिदिन की दिनचर्या लिखते हैं। पत्ता- बी 106, यूनिवर्सिटी मार्ग,बापू नगर,जयपुर । फोन 70595 श्री लेखचन्द नामलील जन्मतिथि - 12 नवम्बर, 1928 पिता- स्व.श्री गप्पूलाल जी बाकलीवाल दि.11.9.77 को स्वर्गवास सुपुत्र श्री म्होरीलाल जी बाकलीवाल घी वाले माता- श्रीमती भंवरदेवी बाकलीवाल सुपुत्री श्री जयकुमार जी दीवान, जयपुर शिक्षा- बी कॉम., एल.एल.बी.व्यवसाय- फिल्म वितरण एवं प्रदर्शन विवाह - 19 फरवरी,1948 पत्नी का नाम- श्रीमती ललिता सुपुत्री श्री लालचंद जी कोठारी, जयपुर परिवार दो पुत्र (1) श्री लेख प्रकाश,आयु-38 वर्ष (बिल्लू) पत्नी- रागिनी सुपुत्री श्री हीरालाल जी सेठी लाडनू (2) श्री अजयकुमार (बब्बल) पत्नी,श्रीमती अंजू देवी आयु-26 वर्ष बी.कॉम. (3) दो पुत्रियां शशि एवं पुष्पा- दोनों विवाहित विशेष - श्री बाकलीवाल फिल्म व्यवसाय में अच्छी प्रतिष्ठा रखते हैं । आप सर्विस छोड़कर व्यवसाय की ओर मुड़े और उसमें पर्याप्त उन्नति की । आप डिस्ट्रीब्यूटर सैक्सन इस्टर्न इंडिया मोरान पिक्चर्स एसोसियेशन कलकत्ता के वर्ष 1985-86 के पश्चात् आप इसके तीन वर्ष तक उपाध्यक्ष हैं। फिल्म व्यवसाय में आपकी कार्य-कुशलता के कारण कलकत्ता के दैनिक पों में चर्चित रहते हैं। अपने व्यवसाय के प्रसंग में बर्मा एवं पूर्वी पाकिस्तान (बांगलादेश) की यात्रा की । उत्तरी कलकत्ता लायन्स क्लब के सेक्रेटरी, वाइस प्रेसीडेन्ट रहे तथा शत-प्रतिशत अध्यक्ष पुरस्कार प्राप्त किया।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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