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298/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
व्यवसाय है । आपकी सभी चारों पुत्रियों का विवाह हो चुका है । आपके एक मात्र पुत्र श्री भागचन्द जी जवाहरात का व्यवसाय करते हैं।
___ धार्मिक एवं सामाजिक कार्यों में आपका विशेरशे रहता है । वला. उससुर जैगन की सप संशाओं की ओर से सर सेठ मागचन्द जी सोनी की अध्यक्षता में सम्मानित हो चुके हैं । उस समय आपको जो राशि भेंट की गई थी उसे आपने तत्काल सभी संस्थाओं में वितरित कर दी थी। भगवान महावीर के 2500 बा निर्माण महोत्सव एवं बाहुबलि सहस्त्राब्दि महामस्तकाभिषेक समारोहों पर आप स्वर्ण पदक से सम्मानित हो चुके हैं। जैन दर्शन विद्यालय का 25 वर्षों तक संचालन करके सैकड़ों छात्र-छात्राओं को धार्मिक शिक्षा प्रदान की है। महावीर कन्या विद्यालय जयपुर के वर्षों तक मंत्री रह चुके हैं। श्री दि. जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय को सक्रिय रूप से योगदान देते रहते हैं तथा वर्षों से उसकी कार्यकारिणी के सदस्य हैं। श्री महावीर ग्रंथ अकादमी के संपादक मंडल के सदस्य हैं । आप जयपुर की सभी संस्थाओं से जुड़े हुये हैं। राजस्थान जैन साहित्य परिषद् परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष हैं तथा श्री सन्मति पुस्तकालय जयपुर ट्रस्ट मंडल के आप अध्यक्ष हैं ।
पंडित मिलापचन्द का अर्थ सेवा की प्रतिमूर्ति ,निरभिमानी एवं सरल स्वभावी है।
पता :- स्वदेशी बस्त्र मंडार, कुन्दीगरों के भैरूं का रास्ता,शिवजीराम भवन के सामने,जयपुर। श्री महेशचन्द्र जैन चांदवाड़
जन्म : 26 फरवरी,1948 पिताजी : स्व. श्री राजमल जी जैन चांदवाड़ माताजी : श्रीमती उमराव देवी धर्मपत्नी : श्रीमती निर्मला देवी (सुपुत्री डा कस्तूरचंद कासलीवाल) सन्तान: 1. मोनू जैन • सुपुत्री -विवाहित
2. मनोज कुमार जैन - सुपुत्र - सी.ए. अध्ययनरत 3. ममता जैन • सुपुत्री - बी.एस.सी. 4. मनीष कुमार जैन - सुपुत्र. सीनियर हायर सेकेन्ड्री
अध्ययनरत श्री महेशचन्द्र जैन प्रारम्भ से ही श्रमजीवो रहे हैं। स्नातक स्तर के अध्ययनोपरांत मुद्रण व्यवसाय में प्रविष्ट हुए । अल्पायु में ही पिताश्री के स्वर्गवास हो जाने के कारण सम्पूर्ण पारिवारिक जिम्मेदारियों का वहन करते हुए निरन्तर गतिशील रहे हैं। प्रारम्भ से ही अध्ययनशील होने और मुद्रण व्यवसाय में दक्षता के कारण अब तक आपके निर्देशन में सैकड़ों पुस्तकों का
श्री पहेशचन्द्र जैन चांदवाड़
धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला देवी के साथ कलात्मक मुद्रण सम्पन्न हो चुका है। वर्तमान में राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ