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________________ 274 जैन समाज का वृहद् इतिहास आपके पिताजी श्री गैदीलाल जी रेनवाल के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं तथा आपकी माता श्रीमती गुलाबदेवी धर्मपरायण महिला हैं। श्री कोठारी जी का विवाह दि.14-2-59 को श्रीमती रतनदेवी के साथ संपन्न हुआ। आप दोनों को दो पुत्र एवं एक पुत्री का माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । पुत्री उषा का विवाह हो चुका है। ___ कोठारी जी सक्रिय कार्यकर्ता हैं तथा मिलनसार, आतिथ्य प्रेमी एवं उदारमना हैं । आपको धर्मपत्नी श्रीमती रतनदेवी कोठारी भी पूजा पाठ करने वाली महिला हैं । बरकत नगर की महिला मंडल की सक्रिय सदस्या है । प्रतिवर्ष जयपुर से महावीरजी पद यात्रा संघ का नेतृत्व करते हैं। पता - सी-2 मधुवन,ौंक फाटक, जयपुर । श्री प्रेमचन्द खिन्दूका खिन्दूका परिवार में 9 मई 1928 को जन्मे श्री प्रेमचन्द खिन्दूका यश एवं ख्याति से दूर रहते हुये अपने पिताश्री की स्मृति में सन 1984 में भापित श्री रामचन्द्र प्रेमचन्द खिन्दूका चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से मानव सेवा एवम् समाज सेवा में अपना योगदान देते रहते हैं। अपने युग के प्रसिद्ध समाज सेवी श्री रामचन्द्रजी खिन्दूका के द्वितीय युवा पुत्र होने के कारण समाज सेवा में आपकी रुचि बचपन से ही रही है । आपकी धर्मपत्नी श्रीमती रलप्रमा भी उदार हृदय एवम् स्वाध्यायशील स्व.श्री ताराचन्दजी गंगवाल की सुपुत्री है। श्री खिन्टूका जी को एक पुत्र एवम् तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। आपके पुत्र डा.सुशील जैन एमड़ी हैं तथा कैन्सर व खून की बीमारियों में अमेरिका में विशेष योग्यता प्राप्त की है व अवार्ड भी प्राप्त कर चुके हैं । चिकित्सा के क्षेत्र में डा. सुशील ने अमेरिका में अच्छा नाम कमाया है तथा लोकप्रियता प्राप्त की है। अमरीका के पत्रों में आपकी कितनी ही बार प्रशंसा प्रकाशित हुई है । इस समय आप अमरीका में ओहायो (क्लीवलैण्ड) शहर में प्रेक्टिस कर रहे हैं । इसी तरह आपकी तीनों पुत्रियों सौ.कुसुम व अंजना अमरीका में रहती हैं व सौ.सरोज अब कनाडा से पिलानी आ गई हैं। आपके बड़े भाई श्री ज्ञानचन्द्र खिन्दुका भारतवर्षीय स्तर के समाजसेवी श्री रामचन्द्र जी खिन्दूका हैं तथा छोटे भाई शांतिकुमार अमरीका में रहते हैं, शांतिकुमार जी की अमरीका के अच्छे शिक्षाविदों में गणना की जाती हैं। पता : द्धिन्दूका पवन - न्यू कालोनी, पांच बत्ती,जयपुर । फोन - 74155
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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