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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /273 कित्सा से . . महाराज पाटनी जी बहुत ही सरल एवं मिलनसार हैं । दुखदर्द में काम आने वाले हैं। समाज में चुपचाप काम करने में विश्वास रखते हैं । आपके पूर्वजों द्वारा बनवाया हुआ, आपके घर में जिन चैत्यालय ' है जो ऊंची पैडी वाले खिन्दूका के चैत्यालय के नाम से जाना जाता है। आप श्री दि. जैन मन्दिर खिन्दूकान के मंत्री रह चुके है। सेवा निवृत्ति के पश्चात् आपने नवज्योति में कार्यालय अधीक्षक एवं राजस्थान पत्रिका में सम्पादकीय विभाग में 14 वर्ष तक कार्य किया सन् 1953 में आप लेखक (डॉ. कासलीवाल) के साथ कलकत्ता में बेलगछिया में ग्रन्थ प्रदर्शनी आयोजित करने गये थे। पता- पाटनी धवन, मकान नं.1193, रास्ता चुरुकान,जयपुर डा. प्रेमचन्द काला जयपुर के सवाई मानसिंह हास्पिटल में डा. प्रेमचन्द काला सर्जरी के प्रोफेसर है तथा | अपनी चिकित्सा के लिये लोकप्रिय वरिष्ठ डाक्टर है। अब तक आपने शल्य चिकित्सा से । संबंधित 35 पेपर्स प्रान्तीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कान्फ्रेंसों में पढ़े हैं तथा 30 से अधिक खोजपूर्ण पत्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पत्रों में प्रकाशित हो चुके हैं। डा.काला श्री मोहनलाल जी कालरात्र हैं। अपने पिता भी आटिटिगर्टमेन के सर्वोच्च पदों पर रहे थे। अपने पिताजी के समान अध्ययन एवं सेवा की वही प्रवृत्ति आप में भी देखी जा सकती है । 18 जून, 1934 को जन्में डा.काला जी ने एम.बी.बी.एस.एण्ड एम.एस. (सर्जरी) में किया। आप चार पुत्रियों- प्रीति,रश्मि,नीना एवं नूपुर जैन के पिता हैं । आपके छोटे भाई श्री नरेन्द्र कुमार बी.ए.,बी.ई. है तथा वर्तमान में एम एम टी सी में जनरल मैनेजर हैं। डा. काला जी जयपुर के लोकप्रिय चिकित्सक हैं । धार्मिक विचारों के हैं। पार्श्वनाथ मंदिर में ऐलोपैथिक अस्पताल आपही की देखरेख में चल रहा है । आपका सेवाभावी जीवन है । प्रतिदिन मंदिर जाने का नियम है। पता - सी-45, प्रेमपथ, राजेन्द्र मार्ग,बापू नगर,जयपुर । श्री प्रेमचन्द कोठारी जयपुर से श्रीमहावीर जी तक पद यात्रा संघ के संयोजक के रूप में प्रसिद्ध श्री प्रेमचन्द जी कोठारी विशाल व्यक्तित्व के धनी हैं । आपका जन्म रेनवाल माम में दिनांक 2-7-40 को हुआ। अपने रेनवाल गांव से ही आपने सन् 1958 में हायर सैकण्डरी पास की और फिर राज्य सेवा में आ गये। सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने में आप सदैव आगे रहते हैं। साधुओं की भक्ति करने में आपविशेष रुचि लेते हैं । मधुवन कालोनी में स्थित दि.जैन पार्श्वनाथं मंदिर के आप अध्यक्ष हैं और मंदिर के निर्माण में आपका बहुत सहयोग रहता है । मोहनपुरा के दि. जैन मंदिर में जीर्णोद्धार करवाकर आपने प्रशंसनीय कार्य किया है। आप दि. जैन महासमिति के सदस्य भी
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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