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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /251 श्री देवेन्द्र कुमार पाटनी पाटनी जी का जन्म 25 सितम्बर 1943 को हुआ था। श्री गुलाबचन्द जी पाटनी आपके पिताजी थे जिनका 1981 में स्वर्गवास हो गया । आपकी माताजी का नाम सूरजदेवी था। आपने टी.डी.सी. प्रथम वर्ष तक शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में आपकी दुकान 365 इन्द्रा मार्केट में स्थित है तथा विशेषतः अग्निशमन यंत्र एवं उपकरणों का निर्माण एवं बिक्री का कारोबार है । सन् 1966 में आपका विवाह श्रीमती इंदिरा देवी के साथ हुआ। आपको दो पुत्र राजीव एवं संजीव तथा एक पुत्री दीपाली को जन्म देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । आप जैन संस्थाओं में नियमित सहायता देते रहते हैं। पता:- 277 मेहन्दी वालों का चौक, रामगंज बाजार, जयपुर 302003 दूरभाष दूकान 523120 निवास 563294 कुमार गो आयुर्वेद चिकित्सक, लेखक, सम्पादक एवं समालोचक श्री वैद्य धनकुमार का जन्म 28 फरवरी सन् 1935 को हुआ। आपने आयुर्वेदाचार्य, आयुर्वेद रिषि, आयुर्वेद चक्रवर्ती, विधिसाग जी महाराज साहित्य वाचस्पति, फार्मासिस्ट की परीक्षायें पास की तथा चिकित्सा, औषधि निर्माण एवं विक्रय का कार्य करने लगे। इसी के साथ 'आयुर्वेद दूत' पत्र का भी संपादन करने लगे। आकाशवाणी जयपुर से समय-समय पर निरन्तर स्वास्थ्य सम्बन्धी रेडियो वार्ता का भी प्रसारण होता रहा है। सभी में आपको विशेष रुचि हैं। सन् 1953 में आपका विवाह श्रीमती प्रेमलता के साथ संपन्न हुआ। आपको तीन पुत्र एवं तीन पुत्रियों के पिता बनने का सौभाग्य मिल चुका है। ज्येष्ठ पुत्र श्री कमलचन्द आयुर्वेदिक लाइन में है। महेशकुमार सेल्स एक्जिक्यूटिव आफीसर है तथा गुजरात एरिया संभालते हैं। धमेन्द्र कुमार ग्राम भारती में प्रोजेक्ट आफीसर हैं। तीन पुत्रियों आशा, स्नेह एवं कुसुमलता का विवाह हो चुका है। स्नेहलता एवं कुसुमलता दोनों डबल एम.ए. हैं। वैद्य जी मुनि भक्त हैं । आचार्य सन्मति सागर जी के साथ जयपुर से कुचामन तक साथ रहे। मुनियों को आहार देने में पूर्ण रुचि लेते हैं। आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य संबंधी लेख लिखते रहते हैं। आयुर्वेद दूत मासिक पत्र के सम्पादक एवं योगायोग बुलेटिन के भी सम्पादक हैं। पता :- 4 धामाणी मार्केट- राजस्थान आयुर्वेदिक रिसर्च लेबोरेटरीज जयपुर 302003 | फोन 62560 श्री धूपचन्द पांड्या 15 अगस्त 1936 में जन्मे धूपचंद जी पांड्या समाज के जाने पहचाने श्रेष्ठी हैं। स्वभाव से शांत एवं धार्मिक प्रकृति के पांड्या जी बैंकिंग का कार्य करते हैं। सन् 1956 में राजस्थान विश्वविद्यालय से इन्टर करने के पश्चात् आप पैतृक व्यवसाय में लग गये। श्री मूलचंद जी पांड्या के आप दत्तक पुत्र हैं। आपकी माता का नाम श्रीमती मोता देवी है। मई 1954 में
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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