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________________ 250/ जैन समाज का वृहद् इतिहास आपके घर में ही चैत्यालय है जिसको स्थापित हुये 40 वर्ष हो गये। आप दानशील प्रकृति वाले हैं तथा मंदिरों के जीणींद्वार में रुचि लेते हैं । बाई जी के मंदिर में आपके पिताजी ने श्वेत पाषाण का पार्श्वनाथ स्वामी की पदमासन मूर्ति विराजमान की थी । पाटोदी के मंदिर में चन्द्रप्रभ एवं महावीर स्वामी की प्रतिमाओं का वहीं पर पंचकल्याणक करवाकर विराजमान करने का यशस्वी कार्य किया । चूलगिरी पर श्याम पाषाण को खडगासनमा विराजमान की। दिन अतिशय क्षेत्र पदमपुरा के पदमप्रभु के दाहिने ओर वेदी निर्माण करवाई। महावीर क्षेत्र पर शांति वीर नगर में बाहर चौक में आदिनाथ स्वामी की प्रतिमा विराजमान करने का पुण्यशाली कार्य किया । इसी तरह सम्मेदशिखर जी में धर्मशाला में एक कमरे का निर्माण करवाया। आपके छोटे भाई श्री हरिचन्द्र जी टकसाली नैनवां पंचकल्याणक में सौधर्म इन्द्र बन चुके हैं। आपकी धर्मपत्नी का नाम कंचनदेवी है । दोनों ही कहरमुनि भक्त एवं आर्षमार्गी हैं। पता 1. 1061 भट्टों की गली,अमर जैन के पास,चौड़ा रास्ता, जयपुर 2. 3बी खन्दा बाई जी,बड़ी चौपड़, जयपुर श्री देवेन्द्र कुमार गोधा गोधा परिवार में दि.26 अक्टूबर,1926 को जन्मे श्री देवेन्द्र कुमार गोधा अत्यधिक भद्र परिणामी एवं बिनयी स्वभाव के व्यक्ति हैं। सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप इन्स्योरेन्स का कार्य करने लगे। सन् 1948 में आपका विवाह फतेहलाल जी चौधरी की सुपुत्री श्रीमती सुशीला देवी के साथ हुआ । आप दोनों पति-पली को दो पुत्र एवं तीन पुत्रियों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । आपको एक पुत्री उषा एम.ए.बी.एड.है तथा सेंट एंजिला स्कूल में अध्यापन करती हैं । आपके पुत्र मुकेश के बीमा एजेन्सी है तथा दिनेश सर्विस करता है। बास गोधान का मंदिर आपके पूर्वजों द्वारा बनाया हुआ है । वर्तमान में आप उसके विगत वर्षों से अध्यक्ष है। आप स्व.नायव सरजमलजी गोधा के द्वितीय पत्र है । नायन सरजमल जी अपने समय के प्रभावशाली व्यक्ति थे । राजाशाही के युग में जनानी ड्योढी के नायव अधिकारी थे । दरबार में उनको कुर्सी मिली हुई थी। उनके पिता बाजूलाल गोधा भी नायब थे । नायब सूरजमल जी महावीर तीर्थ क्षेत्र कमेटी के आजीवन सदस्य रहे तथा अन्त्र में उसके उपाध्यक्ष रहे । नायब साहब का और भी कितनी ही संस्थाओं से संबंध रहा था । जयपुर के चूलगिरी क्षेत्र का प्रवेश द्वार आप ही के द्वारा बनवाया गया है। पता : नायब हाऊस,गोधों का चौक,हल्दियों का रास्ता,जयपुर फोन नं : 563226
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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