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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /233 श्री गोपीचन्द पोल्याका पांड्या पोल्याका बैंक से प्रसिद्ध श्री गोपीचन्द पोल्याका का जन्म 20 सितम्बर 1929 को हुआ। आपके पिताश्री नाथूलाल जी पोल्याकास्वाध्यायशील व्यक्ति हैं । आपने एम.ए.साहित्यरत्न किया । आपने महालेखाकार (लेखा परीक्षा)राजस्थान के कार्यालय में आडिटर, अनुभाग अधिकारी एवं सहायक लेखापरीक्षा अधिकारी के पद पर कार्य किया। आपका सन् 1947 में स्वर्गीय ईसरलालजी दीवान की सुपुत्री कमलादेवी के साथ विवाह हुआ । आपके दो पुत्र हैं जिनमें ज्येष्ठ पुत्र डा.सुभाष पांड्या ने पशुचिकित्सा में एम.बी.एस.सी.व पी-एचड़ी.(सर्जीकल)किया व नेशनल इन्शोरेन्स कम्पनी में सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक है। छोटे पुत्र श्री सुरेश चन्द बैंक सर्विस में अधिकारी हैं। दो पुत्रियां सुलेखा एवं सुनिता दोनों का विवाह हो चुका है। श्री पोल्याका जो बहुत ही सरल परिणापी एवं मिलनसार है । केन्द्रीय सेवा से निवर्तमान होने के पश्चात् वे सामाजिक एवं धार्मिक जीवन बिता रहे हैं । सभी तीर्थों की वंदना कर चुके हैं। पता : बी-18 सेठी कालोनी,आगरा रोड,जयपुर। श्री गोपीचंद लुहाडिया श्री गोपीचन्द लुहाडिया जयपुर नगर के प्रसिद्ध लुहाडिया परिवार के सदस्य हैं जो अपनी सूझबूझ ,समाज सेवा एवं व्यापारिक दक्षता के लिये प्रसिद्ध है । उनका जन्म 11 अक्टूबर 1930 को हुआ। उनके पिताजी श्री बोदीलाल जी का सन् 1949 में हो स्वर्गवास हो गया ।आपको 85 वर्षीय माताजी का आशीर्वाद अभी तक प्राप्त है। 24 नवम्बर 1944 को आप श्रीमती ललिता देवी के साथ विवाह सूत्र में बंध गये । आपको 4 पुत्र-निर्मल कुमार,रमेश कुमार अरूण कुमार एवं विपिन कुमार एवं तीन पुत्रियां मधु, मंजु एवं मीनाली के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। श्री लुहाडिया जी जयपुर चैम्बर आफ कामर्स एंड इन्डस्ट्रीज के लगातार 15 वर्ष तक कार्यकारिणी सदस्य रहे तथा जयपुर क्लाथ मरेर एसोसियेशन के 10 वर्ष तक अध्यक्ष रहे । राजस्थान जैन सभा जयपुर के कोषाध्यक्ष एवं श्री दि.जैन औषधालय तथा दि.जैन महावीर बालिका विद्यालय की कार्यकारिणी के सदस्य हैं। आप द्वारा जोबनेर के दि.जैन मंदिर जयपुर की नवनिर्मित वेदी में मूर्ति विराजमान की गयी है । लुहाडिया जी प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. श्री सुरज्ञानी चंद जी न्यायतीर्थ के छोटे भाई हैं । चुपचाप काम करने में विश्वास रखते है तथा सभी सामाजिक कार्यों में पूर्ण सहयोग देते रहते हैं। . पता: 2172 खेजडे का रास्ता,चांदपोल बाजार,जयपुर ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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