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________________ 232/ जैन समाज का वृहद् इतिहास डा. गोपीचन्द पाटनी डा. गोपीचन्द पाटनी शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र दोनों में समान ख्याति प्राप्त विद्वान है। आपका जन्म 4 अगस्त 1919 को हुआ। आपके पिताश्री मगनलाल जी एवं मातश्री पानादेवी दोनों का ही स्वर्गवास हो चुका है। आपका विवाह 26 जनवरी 1936 को श्रीमती सुशीला देवी के साथ संपन्न हुआ। आप दोनों को पांच पुत्र एवं एक पुत्री के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है । आपका ज्येष्ठ पुत्र श्री विजयकुमार सिंचाई विभाग में अभियंता है,दूसरे पुत्र सुरेन्द्र कुमार वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक है,नरेन्द्रकुमार रारा विद्युत मंडल में सहायक इंजीनियर है । देवेन्द्रकुमार एवं राजेन्द्र कुमार व्यवसाय क्षेत्र में कार्यरत हैं। आपकी एक मात्र पुत्री उषा का विवाह हो चुका है। पाटनी साहब की सामाजिक एवं धार्मिक क्षेत्र में समान रुचि है। मुनिभक्त हैं । साधुओं को आहार आदि देने में रुचि लेते हैं। प्रतिदिन दान करने का निभा र गति को पोजन नही श्रीमती सुशीला देवी धर्मपली डा.पाटनी प्रसिद्ध गणितज्ञ शिक्षाविद् माने जाते हैं । विद्यार्थी जीवन में सभी परीक्षायें डॉ. गोपीचन्द पाटनी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा बी.एस.सी.एवं एम.एस.सी.में प्रथम स्थान प्राप्त कर रजत पदक एवं स्वर्ण पदक प्राप्त किया। आप बैलेस्टिक्स (शास्त्र विज्ञान) में भारत वर्ष में डाक्टरेट प्राप्त करने वाले प्रथम गणित शास्त्री है । सन् 1942-43 में आपने नवलगढ़ कालेज में अध्यापन का कार्य प्रारंभ किया और अन्त में प्रोफेसर एवं अध्यक्ष गणित विभाग राज.वि.विद्यालय के पद से सेवानिवृत्त हुये। अपने सेवाकाल में कितने ही उच्च पदों पर कार्य किया । विश्वविद्यालय में चयन समिति,परीक्षा समिति एवं सीनेट आदि के सदस्य रहे । अब तक आपकी गणित से संबंधित 8 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा 100 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं । सन् 1971 में आपको अध्ययन एवं भाषण देने के लिये रूस जाने का अवसर मिला। अब तक गणित शास्त्र के 15 शिविर आयोजित किये। आपका गणित शास्त्र की कितनी ही संस्थाओं से गहरा संबंध रहा । आपका सामाजिक जीवन भी उतना ही स्वर्णिम है जितना विश्वविद्यालय का जीवन रहा है। श्री महावीर दि.जैन शिक्षा परिषद् के पूर्व मंत्री एवं अध्यक्ष रहे तथा वर्तमान में कार्य समिति के सदस्य हैं । सन्मति पुस्तकालय की कार्यकारिणी सदस्य, जैन समाज बापू नगर के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में कार्य समिति के सदस्य दि.जैन अ. क्षेत्र श्री महावीरजी के पूर्व उपाध्यक्ष एवं वर्तमान में कार्य समिति के सदस्य हैं 1 हिंसा इन्टरनेशनल महासमिति के पूर्व संयोजक जैन विद्या संस्थान,जैन विद्या के संपादक,संरक्षक दि. जैन मंदिर जी बीस पंथी कोठी शिखर जी आदि 30 से भी अधिक संस्थाओं से आप जुड़े हुये हैं। आपका जीवन पूर्ण गतिशील रहा है और अपनी सेवायें आज भी उसी प्रकार दे रहे हैं। समाज को आपसे बहुत आशायें vie पता : एस.बी.10, जवाहरलाल नेहरू मार्ग,बापू नगर,जयपुर ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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