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________________ जयपुर नगर का जैन समाज /231 श्री गोपीचंद अजमेरा एडवोकेट गए के जो 4: 10. जन्मे श्री गोपीचंद अजमेरा विगत पांच दशकों से सामाजिक क्षेत्र में ख्याति प्राप्त व्यक्ति हैं | आपके पिताजी मुंशी लादूराम जी अजमेरा मुंशी फाजिल थे । उनका जन्म स्थान रामगढ़ तहसील का साईपराया म था। उन्हों ग्राम में स्कल बिल्डिंग बनवाकर उसका संचालन किया। श्री गोपी चन्द जी ने उसमें तीन कमरे और बनवाकर उसे मिडिल स्कूल में परिवर्तित करके राज्य सरकार को सौंप दिया। __ अजमेरा जी ने सन् 1926 में महाराजा कालेज से इन्टर किया और वकालत प्रारम्भ को । आपका सन् 1928 में श्रीमती मगना देवी के साथ विवाह हुआ । वर्तमान में श्रीमती मागना देवी की आयु 78 वर्ष की है। आप दोनों पांच पुत्रों एवं दो पुत्रियों से अलंकृत हैं । एक पुत्र कैलाशचन्द का सन् 1966 में एक दुर्घटना में देहान्त हो गया । डा.रमेश एम.एस.सी,एमई,पी-एच ड़ी. है तथा सन् 1963 से अमेरिका में रह रहे हैं। श्री हरिश्चन्द्र सेल्स टेक्स एन्ड इन्कम टेक्स के वकील हैं। तीसरे पुत्र श्री पदमचंद बी.एस-सी.कृषि एल.एल.बी. हैं तथा स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर में कार्यरत हैं। श्री शिवरतन वर्तमान में अमेरिका में कम्प्यूटर में बी.एस.सी. नार्थकरोलिना विवि.से किया । उसका विवाह 30 जून 1991 में जैन पद्धति से राजरानी के साथ हुआ है जो स्वयं बी.एस.सी. हैं ।आपकी दो पुत्रियाँ हैं श्रीमती शांति बाई एवं श्रीमती कमलाबाई । दोनों का विवाह हो गया है। अजमेरा जी सन् 1945 से 50 तक जयपुर राज्य विधान सभा के सदस्य रहे । उस समय आपने अपना मकान डिसेंसरी के लिये दान स्वरूप दिया जो वर्तमान में अच्छी डिस्पेंसरी मानी जाती है । आप सामाजिक संस्थाओं की गतिविधियों में बराबर भाग लेते रहते हैं। महावीर कन्या विद्यालय के पहले सेक्रेट्री एवं वर्तमान में सदस्य हैं । दि. जैन संस्कृत महाविद्यालय एवं दि. जैन औषधालय को कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं। बुंदेलखंड को छोड़कर सभी तीयों की वंदना कर चुके हैं। अजमेरा जी जयपुर के जाने माने समाज सेवी एवं एडवोकेट हैं। पता : चौकड़ी घाट दरवाजा, मोतीसिंह भोमियों का रास्ता, जयपुर-3 श्री गोपीचन्द पाटनी किराणा व्यवसाय में संलग्न श्री गोपीचन्द पाटनी का जन्म संवत् 1977 पौष सुदी 10 को हुआ । मिडिल कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की और संवत् 1991 में ही फिर विवाह सूत्र में श्रीमती सूरजदेवी के साथ बंध गये । आप दोनों को तीन पुत्र सिद्धान्त कुमार, सुशील कुमार एवं प्रदीपकुमार तथा चार पुत्रियाँ कमलेश, वारा, गुणमाला एवं अनिता के माता पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। श्री सुशील कुमार एवं प्रदीप कुमारे दोनों ही बी.ए., एल. एल. बी. हैं तथा सभी जयपुर में व्यवसाय करते हैं । आपकी एक पुत्री तारा एम.ए.पीएचड़ी. साहित्यरत्ल हैं। श्री पाटनी जी रामगंज मंडी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में ईशान इन्द्र तथा जयपुर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा (महावीर हाईस्कूल) में सन्तकुमार इन्द्र के पद से सुशोभित हुये। रामगंज मंडी के शांतिनाथ स्वामी के मंदिर में चन्द्रप्रभु चैत्यालय बनवाकर आदिनाथ एवं शांतिनाथ की प्रतिमायें विराजपान की । तीन बार तीर्थ वंदना कर चुके हैं । मुनियों को आहार देने में आगे रहते हैं। शुद्ध खानपान का नियम है। पता : एकान नं.2543 वो वालों का रास्ता, जयपुर।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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