________________
समाज का इतिहास/3
साहित्यिक सामग्री : पुराण एवं कथा साहित्य : जैन पुराणों - महापुराण, हरिवंश पुराण, पांडव पुराण जैसे पुराण एवं पुण्यासव कथाकोश, व्रतकथाकोश इतिहास के स्रोत हैं और इनमें सामाजिक इतिहास की प्रचुर सामग्री उपलब्ध होती है। •आदिपुराण में प्रतिपादित भारत," "हरिवंश पुराण का सांस्कृतिक अध्ययन" जैसी कृतियाँ इस सम्बन्ध में पठनीय है।
पदावलियाँ : जैन शास्त्र भंडारों में पट्टावलियाँ अच्छी संख्या में मिलती है इनमें आचार्यों के नाम, आचार्य पद पर बैठने की तिथि, मुनि अवस्था में रहने की अवधि, उनकी जाति का नाम, भट्टारकों का कार्यकाल, पट्ट पर बैठने की तिथि, जाति का नाम आदि के सम्बन्ध में प्रचुर सामग्री उपलब्ध होती है। भट्टारक सम्प्रदाय, खण्डेलवाल जैन समाज का वृहद् इतिहास, राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रंथ सूचियाँ पांच भाग जैसी पुस्तकों से पट्टावलियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
ग्रंथ प्रशस्तियाँ : ग्रंथ प्रशस्तियाँ इतिहास की सबसे महत्त्वपूर्ण एवं प्रामाणिक स्रोत है । ग्रंथ प्रशस्तियों एवं लेखक प्रशस्तियों में जो कुछ वर्णित है वह पूर्णतः प्रामाणिक होता है। लेखक के सम्बन्ध में, शासन के सम्बन्ध में, ग्राम एवं नगर के सम्बन्ध में, समाज, व्यापार व्यवसाय के सम्बन्ध में इन प्रशस्तियों में महत्त्वपूर्ण सामग्री होती है। इन प्रशस्तियों के आधार पर इतिहास की अच्छी सामग्री एकत्रित की जा सकती है तथा इतिहास की कितनी ही समस्यायें सुलझायी जा सकती है। प्रशस्ति संग्रह जैन ग्रंथ प्रशस्ति संग्रह भाग एक एवं दो में प्रशस्तियों की महत्त्वपूर्ण सामग्री देखी जा सकती है।
यात्रा साहित्य : यात्रा साहित्य में भी इतिहास के महत्त्वपूर्ण स्रोत छिपे रहते है। श्वेताम्बर साधुओं ने यात्राओं का अच्छा वर्णन किया है। राजस्थान के शास्त्र भण्डारों, यात्रा समुच्चयः, यात्रावली', शिखर विलास, जैन यात्रा आदि की पाण्डुलिपियों में जैन तीर्थों की यात्राओं का वर्णन मिलता है। इसके अतिरिक्त बनारसी दास कवि के अर्द्ध कथानक में भी इतिहास की सामग्री भरी पड़ी है।
लेखक : डॉ. नेमिचन्द्र जैन ज्योतिषाचार्य। 2. लेखक : डॉ. प्रेमचन्द्र जैन, जबपुर। 8. लेखक : हॉ. विद्याधर जोहरापुरकर। 4. लेखक : डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल। 5. लेखक : हो, कस्तूरचन्द कासलीवाल।
सम्पादक : डॉ. कस्तूरयन्द कासलीवाल, जयपुर। 7. सम्पादक : पं. परमानन्द जी शास्त्री 8. राज. के जैन शास्त्र भण्डारों की राय सूवी - पंचम भाग -पृ.655 9. राज के जैन शास्त्र भण्डारों की व सूची - पंचम भाग- पृ.655 10. शास्त्र भण्डार दि. जैन मन्दिर (चाकसू), जयपुर। 11. जैन इतिहास प्रकाशन संस्थान, जयपुर में पाण्डलिपि का संग्रह है।