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________________ पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज /155 परिवार ; आपके दो पुत्र हैं - श्री स्वरूपचन्द एवं श्री हीराचन्द । दोनों ही कॉमर्स ग्रेज्यूयेट है। विवाहित हैं । स्वरूपचन्द की पली का नाम सुशीला देवी है। आपको एक पुत्र एवं एक पुत्री प्राप्त है। श्री हीराचन्द की पत्नी श्रीमती राजमती है । इनके दो पुत्र एवं एक पुत्री है । दोनों भाई अपने पिताजी के साथ ही व्यवसायरत हैं। विशेष: श्री पाटनी जी संवत् 2039 में तिनसुकिया के दि.जैन मन्दिर में भगवान महावीर की पाषाण की मूर्ति विराजमान करने का सौभाग्य प्राप्त कर चुके हैं । तीर्थ बन्दना कर चुके हैं। बाहुबली तीर्थयात्रा संघ द्वारा दिन की तीर्थयात्रा आपके सभापतित्व में सम्पन्न हुई थी। आपकी पुत्री के श्वसुर श्री रतनलाल जी पहाडिया ने मुनि दीक्षा अंगीकार करके मुनि श्री जिनेन्द्र सागर जी कहलाये तथा किशनचन्द मदनगंज में उनका समाधिमरण आचार्य की धर्मसागर जी के सानिध्य में हुआ था। सामाजिक : श्री पाटनी जी दि.जैन महासभा के निष्ठावान सदस्य हैं 1 मारवाडी धर्मशाला तिनसुकिया की कार्यकारिणी के सदस्य हैं । स्वाध्यायशील रहते हैं तथा शास्त्र सभा के नियमित श्रोता है। पता : चम्पालाल झूमरमल,साईडिंग बाजार,तिनसुकिया (आसाम) श्री मदनलाल सेठी जन्मतिथि : भाद्रपद मास संवत् 1984 शिक्षा : सामान्य माता-पिता : श्री जौहरीलाल जी सेठी,65 वर्ष की आयु में - 15 वर्ष पूर्व स्वर्गवास । माताजी श्रीमती बरखा देवी - आपकी छत्रछाया प्राप्त है। व्यवसाय : गल्ला व्यवसाय विवाह : संवत् 2002 में आपका श्रीमती गैंदीदेवी के साथ विवाह सम्पत्र हुआ। सन्तान: पुत्र-2 1. श्री विजय कुमार - आयु 29 वर्ष,पत्नी - श्रीमती मंजूदेवी। 2. श्री राजकुमार सेठी - आयु 25 वर्ष, पत्नी श्रीमती संगीता देवी पुत्रियां : सेठी जी को सात पुत्रियों के पिता होने का भी सौभाग्य प्राप्त है । 6 पुत्रियां : भंवरबाई,लालीबाई,पानाबाई, सन्तोष बाई,चन्दा बाई, आशा बाई, विवाहित है केवल सातवीं पुत्री सुश्री राधा अभी अविवाहित हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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