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154/ जैन समाज का वृहद् इतिहास
पिताजी : श्री गंगाराम जी - सन् 1976 में 77 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हुआ था। माताजी की छत्रछाया तो जब वे तीन वर्ष के थे तभी उठ गई। व्यवसाय : होमियोपैथिक डाक्टर हैं। विवाह : सन् 1944, पत्नी श्रीमती सोहनी देवी जिनका भी सन् 14165 में ही स्वर्गवास हो गया। सन्तान : पुत्र दो, ज्येष्ठ पुत्र श्री पदम कुमार,आयु 3५ वर्ष । पत्नी का नाम : श्रीमती किरण देवी दो पुत्र एवं दो पुत्रियों की माना हैं ।
दुसरे पुत्र डॉ. प्रदीप कुमार हैं जो एफ.ए.आई.एम.एस. हैं । चैम्बर ऑफ कॉमर्स में विजिटिंग डाक्टर हैं । पत्नी का नाम बबिता है आपके एक पुत्र है।
पुत्रियां चार हैं जिनमें ललिता एवं कमला का विवाह हो चुका है। तीसरी पुत्री कंचन का स्वर्गवास हो चुका है । चतुर्थ पुत्री कुसुम पढ़ रही है । आपके छोटे भाई श्री रतनलाल जी बड़जात्या हैं जो 55 वर्ष के हैं । जन्मतिथि - 15/06:105 है । पत्नी का नाम तारामणि है एक पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं । पुत्र ललितकुमार पढ़ रहा है तथा पुत्री मंजू और ऊषा का विवाह हो चुका है।
बड़जात्या जी मूलत. फुवामन के निशाता है। यहां से 100 भिवानी आकर बस गये । फिर वहां से भी 65 वर्ष पूर्व इम्फाल आकर बस गये।
धार्षिक कार्य : भिवानी में एक मई सन् 1987 को नया बाजार स्थित दि.जैन मन्दिर में पेदी प्रतिष्ठा के अवसर पर इन्द्र इन्द्राणी के पद से सुशोभित हुये थे।
पता : मैं. मोतीलाल रतनलाल,थांगल बाजार इम्फाल (मणिपुर) श्री मदनलाल पाटनी
पिताश्री : स्व. श्री चम्पालाल जो पाटनी,जिनका 52 वर्ष की अल्प आयु में सं.1985 में स्वर्गवास हो चुका है। माताश्री : अणचीवाई की छत्रछाया भी संवत् 2000 में उठ गई जब वे ) वर्ष की थी।
जन्मतिथि : संवत् 1976 आषाढ बुदी 12
शिक्षा : सामान्य
व्यवसाय : गल्ला व्यवसाय
विवाह तिथि : संवत् 19432,
पत्नी का नाम: श्रीमती पतासी देवी है । वह पार्मिक मनोवृत्ति की महिला हैं। शुद्ध खान-पान व्रत का पालन करती हैं। एक बार अष्टान्हिका और एक बार दशलक्षण द्रत के उपवास कर चुकी है।