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________________ 156/ जैन समाज का वृहद् इतिहास विशेष : श्री मदनलाल जी सेठी मूलतः खुड (राज) निवासी हैं । सन् 1:081 में आपने सभी तीर्थों को वन्दना की थी आपकी माताजी के शुद्ध खान-पान का नियम है वे मुनियों को आहार देती रहती हैं । खूड में आजकल ) जैन परिवार रहते है पता : मदालात सन्द कुमार जैन, पै.रेर दिया (आपा श्री मन्नालाल छाबड़ा आयु : 43 वर्ष शिक्षा:सामान्य व्यवसाय : सूत,पेपर एवं सुपारी के थोक व्यापारी। माता-पिता : स्व.श्री लक्ष्मीनारायण जी छाबड़ा मातृश्री - स्व. श्रीमती महादेवी जी पत्नी का नाम : श्रीमती मनफूल देवी - 7() वर्ष सन्तान : ? पुत्र एवं तीन पुत्रियां 1. निर्मल कुमार वो कॉम... । वर्ष, पत्नी श्रीमती उमराव देवो दो पुत्रियां एवं एक पुत्र हैं। 2. परेन्द्र जुगार - आयु 4२ वर्ष धर्मपत्नी पुष्पादेवी एक पुत्र एवं तीन पुत्रियां है । 3. विमल कुमार - 4) वर्ष एम कॉम., पत्नी आशा देवी तीन पुत्रियां एवं एक पुत्र के माता-पिता 4. कमल कुमार - 38 वर्ष एम.कॉम., एल-एल.वी. । पत्नी श्रीमती मंजू देवी - 3 पुत्रियां हैं । 5. निरंजन कुमार - 35 वर्ष पली श्रीमती सुलोचना दो पुत्रियां एवं एक पुत्र हैं। 6. सन्तोष कुमार - 30 वर्ष - पत्नी - श्रीमती अनीता एक पुत्री है। 7. सन्तोष कुमार - बी.कॉम., आयु - 24 वर्ष - अविवाहित । श्री मन्नालाल जी के ज्येष्ठ भ्राता स्व. गुलाबचन्द जी थे । तनके पांच पुत्र एवं दो पुत्रियाँ हैं । पुत्रों के नाम श्री महावी प्रसाद,प्रकाशचन्द, अशोक कुमार, सुरेश कुमार एवं अनिल कुमार हैं। विशेष : श्री मन्त्रालाल जी छाबडा का परिवार गौहाटी का प्रसिद्ध परिवार है । व समाज के अग्रणी रहे हैं । उदार हदर एवं सम्मानित समाजसेवी हैं । आपकी फर्म भी गौहार्टी की अत्यधिक प्राचीन फर्म है । आपने विजय नगर पंचकल्याक प्रतिष्ठ के अवसर पर एक मूर्ति प्रतिष्ठापित करवाकर वहां के मन्दिर में विराजमान क़ी थी । गौहाटी मे दि. जैन विद्यालय की स्थापन आपकी ही अध्यक्षता में हुई है। फिर 10 वर्ष तक आप उसके अध्यक्ष रहे । गौहाटी के श्री दि.जैन मन्दिर में अपनी माता जी के स्मृति में एक बड़ा हाल बनवाया जहां वर्तमान में कक्षा 10 तक विद्यालय है । पालीगांव पाण्द्ध में एक स्कूल का निर्माण भी किय
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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