SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 245
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उन हाथों पर जलधारा छोड़ना), (5) सप्तपदी (देवपूजन के साथ सात प्रदक्षिणा (फेरा) करना)-ये विवाह के पाँच अंग आचार्यों ने कहे हैं। संस्कारों का प्रमाण __मानव जीवन के इन षोडश संस्कारों का वर्णन श्री जिनसंन आचार्य ने महापुराण के प्रथम भाग आदि-पुराण में विस्तार से किया है। महापुराण के मुख्य दो खण्ड है-(1) आदिपुराण या पूर्वपुराण और (2) द्वितीय उत्तरपुराण। आदिपुराण 47पर्यों में पूर्ण हुआ है जिसके 42 पर्व पूर्ण तथा 49वें पर्व के तीन श्लोक भगवजिनसेनाचार्य के द्वारा रचित हैं और अवशिष्ट पाँच पर्व तथा उत्तरपुराण, श्री जिनसेनाचार्य के प्रमुख शिष्य श्री गुणभद्राचार्य के द्वारा विरचित हैं। आदिपुराण, भारतीय पुराणकाल के सन्धिकाल की एक अनुपम रचना है। अतः यह न केवल पुराण ग्रन्थ है अपितु महाकाव्य ग्रन्थ भी है। वास्तव में आदिपुराण संस्कृत साहित्य का एक प्रशस्त ग्रन्थ है। ऐसा कोई विषय नहीं है जिसका इसमें प्रतिपादन न किया गया हो। यह पुराण है, महाकाव्य है, धर्मकया है, धर्मशास्त्र है, राजनीतिशास्त्र है, आचारशास्त्र है और कर्मयुग को आद्यव्यवस्था का (आविष्कार का) प्रदर्शक इतिहास है। महापुराण के प्रथम भाग (आदिपुराण) में अटतोसवें (38) पर्व के अन्तर्गत षोडश संस्कारों का विधिपूर्वक वर्णन किया गया है। इसी शास्त्र के आधार पर षोडश संस्कार पुस्तक की रचना की गयी है। आदिपुराण में संस्कृत के 67 छन्दों के प्रकारों में 10979 पद्य रचे गये हैं। उत्तरपुराण के अन्तर्गत सोलह प्रकार के संस्कृत छन्दों में 7575 पद्यों की रचना की गयी है। यह महापुराण की रचना का प्रमाण है। इस महापुराण की रचना सन् 815 से सन 877 के मध्य में की गयीं एवं गुणभद्राचार्य ने 897 में उत्तरपुराण की विरचना कर भारतीय साहित्य के गौरव की उन्नत किया है।' सूची पूजा-काथ्यों और मन्त्रों के द्वारा क्रमशः संस्कारों का प्रावधान क्र. पूजन-काव्य मन्त्र क्रमांक संस्कार का नाम यज्ञ 1. विनायक ग्रन्त्र पूजा मन्त्र क्र. 2. विनायक यन्त्र पूजा मन्त्र क्र. 8. विनायक यन्त्र पूजा नन्न क्र. 4. विनायक यन्त्र पूजा मन्त्र ऋ. 5. शान्ति नाथ पूजा मन्त्र क्र. । आधान संस्कार ५ प्रीति संस्कार 3 सूत्रीति संस्कार 4 धृति संस्कार 5 माद संस्कार शान्ति-यज्ञ यज्ञ यज्ञ यज्ञ यज्ञ जन पूजा-काचा में सस्कर :: 24!!
SR No.090200
Book TitleJain Pooja Kavya Ek Chintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devotion
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy