SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 195
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क्रिया, 12. तीर्थकर बालक की क्रोडा का वर्णन, 13. युवा तीर्थंकर के राज्याभिषेक का वर्णन I 3. तीर्थंकर का तपकल्याणक : 1. तीर्थंकर को वैराग्य होना एवं बारह भावना का चिन्तन, 2. लोकान्तिक देवों का शुभागमन एवं स्तुति, सम्बोधन 3. इन्द्रों का पालकी सहित आगमन, 4. तीर्थंकर का राज्यत्याग और पालकी द्वारा वन को जाना, 5. तपोवन में दीक्षा लेने की विधि, 6. मातृका यन्त्र एवं प्रतिमा पर अक्षरन्यास, 7 प्रतिमा पर संस्कार, 8. तीर्थंकर के तपकल्याणक का पूजन- महोत्सव । 4. तीर्थंकर का ज्ञानकल्याणक : 1. तीथंकर मुनिराज का प्रथम आहार ग्रहण 2 तीर्थकर मुनिराज का चपकश्रेणी भावों को धारण करना, 3. मातृका यन्त्र विधि 4. तिलकदान विधि, 5. अधिवासना विधि, 6 मुखोद्घाटन क्रिया, 7. नयनोन्मीलन क्रिया, 8. केवलज्ञानसूर्य का उदय 9. ज्ञानकल्याणक का पूजन, 10. समवशरण की रचना व पूजा 11 तीर्थकर भगवान् का धर्मोपदेश 12. भगवान् का विहार और दिव्यध्वनि । 5. तीर्थंकर का मोक्षकल्याणक : 1. मोक्षकल्याणक की विधि, 2. तीर्थकर के मोक्षकल्याणक का पूजन, 8. विश्वशान्ति हवन, 4. अभिषेक, शान्तिपाठ, विसर्जन पाठ 5. जिनयज्ञ विधान, 6. सिद्धपूजा 7. महर्षिपूजा, 8. स्वस्तिपाठ 9. शान्तिधारा । 1. सिद्धप्रतिमाप्रतिष्ठा, 2. जाचार्य प्रतिमा प्रतिष्ठा, 3. उपाध्याय प्रतिमा प्रतिष्ठा, 4. साधुप्रतिमा प्रतिष्ठा 5 श्रुतस्कन्धप्रतिष्ठा, 6. चरणचिहप्रतिष्ठा, 7. मन्दिर एवं वेदीप्रतिष्ठा 8. कलशारोहण एवं ध्वजारोहण प्रक्रिया | प्राकृतभाषा में सिद्धपूजा 1. गंगादि - तित्थप्प हवप्पएर्हि सगंधदा - णिम्मकापएहिं । अच्चेमि णिच्चं परमहसिद्धं सव्यट्ट-संपादय सव्वसिद्धे ॥ ५. गंधेहि धाणाण सहप्पएहि समच्चयाणं पि सुप्पएहि । जलं निर्वपामीति ॥ संस्कृत और प्राकृत जैन पूजा - काव्यों में छन्द... :: 1990
SR No.090200
Book TitleJain Pooja Kavya Ek Chintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devotion
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy