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________________ गणराज्य माना है । विदेह देश स्थित लिच्छवि गणतन्त्र भारत का प्राचीनतम उज्ज्वल गणराज्य था। इस गणराज्य के प्रमुख राजा चेटक इतिहास प्रसिद्ध यशस्वी क्षत्रिय थे। राजा चेटक के एक अत्यन्त सौम्य स्वभाववाली त्रिलोकसुन्दरी त्रिशला नामक कन्या थी। उसके शील सौजन्य को देखकर माता-पिता ने उसका एक अन्य नाम प्रियकारिणी रखा । उसका यह नाम उसके तद्गुणों के अनुरूप था। जब वह युवावस्था को प्राप्त हुई तो चेटक महाराज ने उसका विवाह भूपाल शिरोमणि कुण्डग्राम पुरस्वामी राजा सिद्धार्थ के साथ कर दिया। डॉ. हीरालाल जैन ने 'महावीर युग और जीवनदर्शन' पुस्तक में महावीर के समकालीन ऐतिहासिक पुरुषों का विवरण सप्रमाण दिया है। “महापुराण (अपभ्रंश ग्रन्थ) सन्धि 98 में तथा संस्कृत उत्तरपुराण ( पर्व 75 ) में वैशाली के राजा चेटक का वृत्तान्त आया है। चेटक अतिविख्यात, विनीत और परम अर्हत् अर्थात् जिन धर्मावलम्बी थे। उनकी रानी का नाम सुभद्रा देवी था। उनके दश पुत्र एवं सात पुत्रियाँ थीं। सबसे बड़ी पुत्री का नाम प्रियकारिणी (त्रिशला ) था, जिसका विवाह कुण्डपुर नरेश सिद्धार्थ से हुआ था। उन्हें ही भगवान महावीर के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।"" इससे यह स्पष्ट होता है कि भगवान महावीर स्वयं ऐतिहासिक पुरुष थे। और उनके माता-पिता की ऐतिहासिकता भी प्रमाणित हो चुकी है। भगवती प्रसाद खेतान वर्द्धमान महावीर की ऐतिहासिकता की प्रामाणिकता के विषय में लिखते हैं- "लिच्छवियों के एक प्राचीन ज्ञातुकुल में बिहार की वैशाली नगरी के समीप कुण्डग्राम (आधुनिक वासुकुण्ड) में ई. पू. 509 में भगवान महावीर का जन्म हुआ | उनके पिता सिद्धार्थ इस कुल के मुखिया थे ।"" उल्लेख है कि इस भारतवर्ष में चौबीस तीर्थंकर आवक (क्षत्रिय) कुल में उत्पन्न हुए। उन्होंने केशलुंचनपूर्वक तपस्या में अपने आपको युक्त किया। उन्होंने इस निर्ग्रन्थ दिगम्बर पद को पुरस्कृत किया। जब-जब वे ध्यान में लीन होते थे, फणीन्द्र नागराज उनके ऊपर छाया करते थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि भगवान महावीर का जन्म राजवंश के क्षत्रियकुल में हुआ था । तात्पर्य यह है कि भगवान महावीर वैशाली गणतन्त्र के राजकुमार थे। गणतन्त्रों के इतिहास में वैशाली के गणतन्त्र का प्रमुख स्थान है। यह मल्ल, लिच्छवि, वज्जी एवं ज्ञातु आदि आठ गणतन्त्रों का एक संयुक्त गणतन्त्र था। संयुक्त गणतन्त्र की राजधानी वैशाली थी। इसी वैशाली के उपनगर क्षत्रियकुण्ड ( बसाढ ) में ज्ञातृशाखा के : 1. डॉ. हीरालाल जैन महावीर युग और जीवन दर्शन, पृ. 31 2. भगवतीप्रसाद खेतान महावीर नियांणभूमि पाया एक विमर्श, : पृ. 1 96 : हिन्दी के महाकाव्यों में चित्रित भगवान महावीर
SR No.090189
Book TitleHindi ke Mahakavyo me chitrit Bhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushma Gunvant Rote
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size3 MB
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