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उपर्युक्त प्रबन्ध काव्य विशेष रूप से द्विवेदीयुग में अथवा द्विवेदीयुगीन प्रवृत्तिवाले कवियों द्वारा तिखे गये । इस विभाग के अन्तर्गत डॉ. शम्भूनाथ सिंह ने पहाबीरचरित्र सम्बन्धी 'वर्द्धमान' आदि महाकाव्यों को विशेष महत्त्वपूर्ण काव्य माना है।
भगवान महावीर चरित्र विषयक आधुनिक महाकाव्य
हिन्दी साहित्य में भगवान महावीर के चरित्र विषयक कायों की रचना आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक अखण्ड रूप में अपभ्रंश चरित काव्य की पद्धति पर पौराणिक शैली में होती आ रही है। आधुनिक हिन्दी साहित्य की विविध विधाओं में भो महावीर-चरित्र विषयक साहित्य विपुल मात्रा में प्रकाशित हुआ है। प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश से गुजरकर हिन्दी साहित्य में महावीर-चरित्र महाकाव्यों की परम्परा अखण्ड रूप में प्रवहमान रही है।
आधुनिक काल के हिन्दी महाकाव्यों में महावीर-चरित विषयक महाकाव्यों में अनूप शर्मा का 'वर्द्धमान' महाकाव्य प्रथम महाकाव्य है। श्रीमती इन्दुराय ने निम्नांकित महाकाव्यों का उल्लेख किया है। कवि राजधरलाल जैन केवलारी कृत 'वीर चरित्र', कवि धन्यकुमार जैन 'सुधेश' कृत 'परमज्योति महावीर', कार नाथूलाल त्रिवेदी का 'महावीर चरित्रामृत' आदेि महाकाव्य भी प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. दिव्यगुणाश्री ने अपने शोधप्रबन्ध में निम्नलिखित प्रबन्ध काव्यों का उल्लेख किया है।
"(1) अनूप शर्मा कृत 'बर्द्धमान', 1951 ई., भारतीय ज्ञानपीठ काशी। (2) डॉ. रामकृष्ण शर्मा कृत भगवान महावीर', भरतपुर सरस्वतीसदन प्रकाशन। (3) अभयकुमार यौधेयकृत 'श्रमण भगवान महावीर-चरित्र', 1976 ई.. मेरठ । (4) रघुवीरशरण 'मित्र' कृत 'वीरायन' वीर निर्वाण, सं. 2500, मेरठ। (5) विद्याचन्द्र सूरि कृत 'चरम तीर्थंकर' श्री महावीर, 1975 ई., राजगढ़। (6) छैल बिहारी कृत 'तीर्थकर महावीर', 1976 ई., इन्दौर । (7) धन्यकुमार जैन 'सुधेश' कृत 'परमज्योति महावीर', 1961 ई., इन्दौर । (8) माणिकचन्द कृत 'जयमहावीर', 1986 ई., बीकानेर। (9) हजारीमल जैन कृत 'त्रिशलानन्दन महावीर' साहित्यसदन, झाँसी। (10) कवि नवल शाह कृत 'यर्द्धमान पुराण', 1768 ई., देहली।।
महावीर-चरित्र विषयक जो काव्य, महाकाव्य की कसौटी पर अर्थात् शास्त्रीय लक्षणों को कसौटी पर कम-अधिक मात्रा में ठीक लिखे गये हैं ऐसे ही निम्नांकित छह महाकाव्यों का चयन भगवान महावीर के चरित्र-चित्रण करने की दृष्टि से प्रस्तुत अनुशीलन में किया गया है।
I. डॉ दिव्यगणाश्री : हिन्दी के महावीर प्रबन्ध कान्या का आलोचनात्मक अध्ययन, पृ. 2
46 :: हिन्दी के महाकाव्यों में चित्रित भगवान महावीर