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________________ होत हर भी पहाकाश्य के शास्त्रीय लक्षणों के निर्वाह का मोह नहीं छोड़ा गया हैं। 3. ये काव्य जिनमें परम्परागत प्रबन्धरूढ़ियों का सर्वथा त्याग किया गया है और नवीनता की धुन में प्रवन्धत्व और भावात्मकता का भी बहिष्कार कर दिया गया है। अतः महावीर-चरित्र सम्बन्धी आधुनिक महाकाव्य प्रथमकोटि के अन्तर्गत समाविष्ट होते हैं। जैसे वर्द्धमान', 'चीरायन' आदि । आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में वर्णित भगवान महावीर के चरित्र विषयक अनुशीलन करने के पूर्व तद्विषयक परम्परागत स्वरूप को जानना भी आवश्यक है। हिन्दी साहित्य में भगवान महावीर चरितकाव्य आदिकाल से लेकर आजतक भगवान महावीर के चरित्र को लेकर अनेक रचनाएँ लिखी गयी हैं। भगवान महावीर का चरित्र बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भी महाकाव्य का प्रेरणादायी, आदर्श और महान् धीरोदात्त नायक बना हुआ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भगवान महावीर का चरित्र तथा उनका जीवन-दर्शन आज भी उतना ही प्रसंगानुकूल, सन्दर्भसहित और उपादेय रहा है। आदिकाल के रासो काव्यों में पाध्याय अभयतिलक ने सं. 1907 में 'महावीररास' के नाम से चरितकाच्य लिखा है। 'रास' 'चरित' का पर्यायवाची शब्द है। सत्रहवीं शताब्दी की एक महत्त्वपूर्ण कृति 'महाबीर धवल' है। जयपुर में विशाल जैन साहित्य के लेखन की सुदीर्घ परम्परा रही है। कवि बुधजन ने 'बर्द्धमानपुराण' का छन्दोबद्ध अनुवाद किया। खुशालचन्दकाला ने 'उत्तरपुराण' का पयानुवाद किया। इस तरह राजस्थानी भाषा के साहित्य में भगवान महावीर को लोकनायक के रूप में चित्रित किया गया। भक्तिकाल में सं. 1600 के आसपास पद्मकवि ने 'महावीर' काव्य रचा। रीतिकाल में नवलराम खण्डेलवाल ने 'बर्द्धमान चरित्र' लिखा । आधुनिक काल में आलोच्य महाकाव्यों के अतिरिक्त मूलदास मोहनदास निपाचत ने 'वीरायन' नामक महाकाव्य हिन्दी अनुवाद सहित गुजराती में सन् 1952 में प्रकाशित किया है। यति मोती हंसजी ने 'तीर्थकर श्रीवर्द्धमान' नाम से सं. 2016 में काव्य रचना प्रकाशित की है, जो विशेष रूप से महाकाव्य की कोटि में नहीं आती। श्री हरिजी ने महावीर नामक काव्य रचना की है, जो अब तक अप्रकाशित है। श्री गणेशमुनि ने 'विश्वज्योति महावीर' नामक काव्य सन् 1975 में प्रकाशित किया है। लेकिन वह महाकाव्य के लक्षणों के अनुसार नहीं है। 1. डॉ. शम्भूनाथ सिंह : हिन्दी महाक य्य का स्यरूप विकास, पृ. Hg आधुनिक हिन्दी महाकायों में वर्णित पहावीर-चरित्र :: 435
SR No.090189
Book TitleHindi ke Mahakavyo me chitrit Bhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushma Gunvant Rote
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size3 MB
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