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________________ आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में पौराणिक-ऐतिहासिक महाकाव्य देवीप्रसाद गुप्त के शब्दों में-"समष्टिरूप से मानवतावादी जीवनदर्शन, सांस्कृतिक निष्टार, उत्थानमूलक जीवनादर्श, नारी चेतना के मुखरित स्वर, जनजागृति का उद्बोत्र, रचना-शिल्प को नीनता तथा चरित्रों की युगीन सन्दभों में अवतारणा आधनिक हिन्दी महाकाव्यों की विशेषताएँ रही हैं। आधुनिक पहाकाव्यों में वर्णित रामचरित, कृष्णचरित्र, शिवचरित्र पर आधारित पौराणिक चरित्र महाकाव्य हैं तथा बुद्ध, महावीर, दयानन्द, विवेकानन्द, छत्रपति शिवाजी, महात्मा गाँधी, नेहरू आदि ऐतिहासिक महाकाव्य हैं। स्वातन्त्र्योत्तर युग में ऐसे महाकाव्यों का सृजन युग की मांग के अनुसार हुआ है। डॉ. लालताप्रसाद सक्सेना ने आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों का वर्गीकरण सात विभागों में किया है। "I. श्रद्धा मनु सम्बन्धी महाकाव्य-कापायनो आदि। 2. रामचरित सम्बन्धी महाकाव्य-साकेत, वैदेहीवनवास आदि । 3. कृष्णचरित सम्बन्धी महाकाव्य-प्रियप्रवास, कृष्णायन आदि। 4. नलचरित सम्बन्धी महाकाव्य-नलनरेश, दमयन्ती आदि । 5. बुद्धचरित सम्बन्धी महाकाव्य-सिद्धार्थ आदि। 6. अन्य महाकाव्य (क) पोराणिक महाकाव्य-पार्वती, तारक-वध, एकलव्य, (ख) ऐतिहासिक महाकाव्य-चन्द्रगुप्त मौर्य, नूरजहाँ, मानवेन्द्र, सरदार भगतसिंह 7. महावीर चरित सम्बन्धी महाकाव्य-'वर्द्धमान' आदि।" स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् ही महावीर-चरित्र सम्बन्धी महाकाव्य प्रकाशित हुए हैं। स्वातन्त्र्योत्तरकालीन महाकाव्यों के इतिवृत्त-विधान के स्रोत इतिहास, पुराण और समकालीन जीवन रहे हैं। स्वातन्त्र्योत्तर महाकाव्यों में अधिकांश महाकाव्य चरित्रमूलक रहे हैं। डॉ. शम्भूनाय सिंह के अनुसार-“आधुनिक युग के महाकाव्यों की तीन कोटियाँ दिखाई पड़ती हैं__ 1. वे काव्य जिनमें महाकाव्य के शास्त्रीय लक्षणों का पूर्णतया निर्वाह हुआ हैं, किन्तु जिनमें दृष्टिकोण और रूपशिल्प सम्बन्धी कोई मौलिकता और नवीनता नहीं दिखलाई पड़ती। 2. वे काव्य जिनमें शैली की युगानुरूप नवीनता और दृष्टिकोण की मौलिकता 1. डॉ. देवीप्रसाद गुप्त : हिन्दी महाकाव्य सिद्धान्त और मूल्यांकन, पृ. 67 ५. डॉ. लालताप्रसाद सक्सेना : हिन्दी महाकाव्यों में मनोवैज्ञानिक तत्त्व, द्वितीय भाग, पृ. 241 41 :: हिन्दी के महाकाव्यों में चित्रित भगवान महावीर
SR No.090189
Book TitleHindi ke Mahakavyo me chitrit Bhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushma Gunvant Rote
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size3 MB
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