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द्वितीय अध्याय
आधुनिक हिन्दी महाकाव्यों में वर्णित महावीर - चरित्र
आधुनिक हिन्दी महाकाव्य
हिन्दी साहित्य में आधुनिकता का प्रारम्भ साठोत्तरी साहित्य से माना जाता है। अतः आधुनिक तथा आधुनिकता को भी अलग-अलग अर्थों में समझा जाने लगा है I आधुनिक शब्द 'अधुना' शब्द से निष्पन्न है। अधुना का कोषगत अर्थ होता है-अब, इस समय, इन दिनों तथा वर्तमान आधुनिक शब्द का अर्थ होगा जो आजकल का है अथवा जो अब इस समय से सम्बन्धित है। आधुनिक और आधुनिकता में पर्याप्त अन्तर है, क्योंकि आधुनिक विशेषण है, और आधुनिकता संज्ञा है ।
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'आधुनिक' शब्द को इतिहास के सन्दर्भ में दो अर्थों में समझा जाता है1. मध्यकाल से भिन्न नवीन इहलौकिक दृष्टिकोण की सूचना देनेवाली सारी गतिविधियाँ आधुनिक कही जा सकती हैं। यह आधुनिक अथवा नवीन दृष्टिकोण साहित्य में अभिव्यक्त हुआ । साहित्य का सम्बन्ध मानव के साधारण सुख-दुःखों से जुड़ गया । इस प्रकार मानवी दृष्टिकोण से जो नयी चेतना आयी, वही आधुनिक कहलायी । 'आधुनिक' शब्द का एक दूसरा अर्थ भी ध्वनित होता है। इस लोक के ऐहिक दृष्टिकोण को धर्म, दर्शन, साहित्य, कला आदि के साथ वर्तमान वातावरण एवं परिवेश से जोड़ा गया है। "आधुनिक लेखकों, दार्शनिकों, चिन्तकों, कलाकारों तथा धार्मिक व्याख्याताओं ने मानव - चिन्तनधारा को शुद्ध मानवीय धरातल पर स्थिर किया । आधुनिक युग की साहित्यिक धारा ने सुधार, परिष्कार तथा अतीत के पुनराख्यान के सन्दर्भ में एक प्रकार की नवीनता प्रदान की है ।"
आधुनिक काल कहने से रीतिकाल अथवा समस्त मध्यकाल से अलग और नवीन दृष्टिकोण को अपने साथ लेकर चलनेवाले साहित्य को आधुनिक साहित्य कहा जाता है । हिन्दी साहित्य के इतिहास में आधुनिक का प्रारम्भ लगभग सं. 1900 वि. से माना जाता है I
1. डॉ. जयनारायण क्ष्मां हिन्दी साहित्य का इतिहास (आधुनिक काल), पृ. १०
12 हिन्दी के महाकाव्यों में चित्रित भगवान महावीर