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________________ ग्रन्थराज श्री पञ्चाध्यायी प्रश्न ४४ - पर्याय के नामान्तर बताओ? उत्तर - पर्याय, अंश, भाग, प्रकार, भेद, छेद, भंग, उत्पादव्यय, क्रमवर्ती क्रमभू, व्यतिरेकी, अनित्य, अनवस्थित। (६०,१६५) प्रश्न ४५ - व्यतिरेकी किसे कहते हैं ? उत्तर - भिन्न-भिन्न को व्यतिरेकी कहते हैं । यह यही है यह वह नहीं है। यह उसका लक्षण है। (१५२, १५४) प्रश्न ४६ - व्यतिरेक के भेद लक्षण सहित लिखो? उत्तर - व्यतिरेक चार प्रकार का होता है - (१) देश व्यतिरेक {२) क्षेत्र व्यतिरेक (३) काल व्यतिरेक (४) भाव व्यतिरेक । एक-एक प्रदेश का भिन्नत्व देश व्यतिरेक है। एक-एक प्रदेश क्षेत्र का भिन्नत्व क्षेत्र व्यतिरेक है। एक द्रव्य की प्रत्येक पर्याय का भित्रत्व पर्याय व्यतिरेक है। एक-एक गुण के एकएक अंश का भिन्नत्व भाव व्यतिरेक है । (१४७ से १५० तक) प्रश्न ४७ – क्रमवती किसको कहते हैं ? उत्तर - एक, फिर दूसरी, जि तीसरी, फिर चाची, स प्रकार प्रवाहमसे जो वर्तन करें उन्हें क्रमवती या क्रमभू कहते हैं । क्रम व्यतिरेक पूर्वक तथा व्यतिरेक विशिष्ट ही होता है। (१६८) प्रश्न ४८ - तथात्व अन्यथात्व किसे कहते हैं ? उत्तर - यह वही है इसको तधात्व कहते हैं तथा यह वह नहीं है इसको अन्यथात्व कहते हैं। जैसे यह वही जीव है जो पहले था यह तथात्व है तथा देवजीव मनुष्य जीव नहीं है यह अन्यथात्व है । (१७४) प्रश्न ४९ - पर्याय के कितने भेद हैं ? उत्तर - दो, प्रदेशत्व गुण की पर्याय को द्रव्य पर्याय या व्यजंन पर्याय कहते हैं। शेष गुणों की पर्यायों को गुण पर्याय या अर्थ पर्याय कहते हैं । (१३५, ६१, ६२,६३) प्रश्न ५० - पर्याय को उत्पाद व्यय क्यों कहते हैं ? उत्तर - जो उत्पन्न हो और विनष्ट हो । पर्याय सदा उत्पन्न होती है और विनष्ट होती है। कोई भी पर्याय गुण की तरह सदैव नहीं रहती, इसलिये पर्यायों को उत्पाद व्यय कहते हैं। (१६५) उत्पाद व्यय धौव्यत्व अधिकार (४) प्रश्न ५१ - उत्पाद किसे कहते हैं ? उत्तर - द्रव्य में नवीन पर्याय की उत्पत्ति को उत्पाद कहते हैं । जैसे कि जीव में देव का उत्पाद। (२०१) प्रश्न ५२ - व्यय किसे कहते हैं ? उत्तर - द्रव्य में पूर्व पर्याय के नाश को व्यय कहते हैं जैसे देव पर्याय के उत्पाद होने पर मनुष्य पर्याय का नाश । (२०२) प्रश्न ५३ - धौव्य किसे कहते हैं ? उत्तर - दोनों पर्यायों में ( उत्पाद और व्यय में) द्रव्य का सदशता रूप स्थायी रहना, उसे धौव्य कहते हैं। जैसे कि देव और मनुष्य पर्याय में जीव का नित्य स्थायी रहना । (२०३) प्रश्न ५४ - उत्पाद के नामान्तर बताओ? उत्तर - उत्पाद संभव, भव, सर्ग, सृष्टि, भाव । प्रश्न ५५ - व्यय के नामान्तर बताओ? उत्तर - व्यय, भंग, ध्वंस, संहार, नाश, विनाश, अभाव, उच्छेद ।
SR No.090184
Book TitleGranthraj Shri Pacchadhyayi
Original Sutra AuthorAmrutchandracharya
Author
PublisherDigambar Jain Sahitya Prakashan Mandir
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size18 MB
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