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प्रथम खण्ड/ प्रथम पुस्तक
प्रश्न ३२
उत्तर
प्रश्न ३३
उत्तर
प्रश्न ३४
उत्तर
प्रश्न ३५ उत्तर
प्रश्न ३६
उत्तर
प्रश्न ३७
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प्रश्न ३९
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प्रश्न ४०
उत्तर
प्रश्न ४१ उत्तर
प्रश्न ४२ उत्तर
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प्रश्न ४३ उत्तर
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प्रश्न ३८ -
उत्तर
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1
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अवस्थित के पर्यायवाची नाम बताओ ?
अवस्थित, ध्रुव, नित्य, त्रिकाल एकरूप, द्रव्य, गुण, सामान्य, टंकोत्कीर्ण ।
अनवस्थित के पर्यायवाची नाम बताओ ?
अनवस्थित, अध्रुव, अनित्य, समय-समय में भिन्न-भिन्न रूप, पर्याय, विशेष । गुणत्व अधिकार ( २ )
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गुण किसे कहते हैं ?
जो देश के आश्रय रहते हों, देश के विशेष हों, स्वयं निर्विशेष हों, सबके सब उन्हीं प्रदेशों में इकट्ठे रहते हों, कथंचित् परिणमनशील हों, उन्हें गुण कहते हैं ?
(३८, १०३ )
६३
गुणों के जानने से क्या लाभ है ?
इनके द्वारा प्रत्येक वस्तु भिन्न-भिन्न हाथ पर रक्खी हुई की तरह दृष्टिगत हो जाती है जिससे भेद विज्ञान की सिद्धि होती है और पर में कर्तृत्व बुद्धि का भ्रम मिट जाता है।
( २०४ )
एक द्रव्य में कितने गुण होते हैं ?
प्रत्येक द्रव्य में अनन्त गुण होते हैं ।
गुणों के नामान्तर बताओ ?
गुणों को सहभू क्यों कहते हैं ?
क्योंकि वे सब मिलकर साथ-साथ रहते हैं । पर्यायों की तरह क्रम से नहीं होते ।
गुण को अन्वयी क्यों कहते हैं ?
गुण, शकि, लक्षण, विशेष, धर्म, रूप, स्वभाव, ध्रुव, प्रकृति, शील, आकृति, अर्थ, अन्वयी, सहभू, ध्रुव, नित्य, अवस्थित, टंकोत्कीर्ण, त्रिकाल एक रूप ।
(४८, १३८, ४७९ )
(५२)
( १३९ )
क्योंकि सब गुणों का अन्वय द्रव्य एक है, सब मिलकर इकट्ठे रहते हैं तथा सब अनेक होकर भी अपने को एक रूप से प्रगट कर देते हैं । ( १४४ - १५३ से १५६ )
गुण को अर्थ क्यों कहते हैं ?
क्योंकि वे स्वतः सिद्ध परिणामी हैं। उत्पाद व्यय क्षौव्य युक्त हैं ।
पर्याय किसे कहते हैं ?
अखण्ड सत् में अंश कल्पना को पर्याय कहते हैं ।
गुणों के इस भेद से क्या सिद्धि है?
- सामान्य गुणों से द्रव्यत्व सिद्ध किया जाता है और विशेष गुणों से द्रव्य विशेष सिद्ध किया जाता है क्योंकि उभयगुणात्मक वस्तु है । जो अस्तित्व गुण वाला है वही ज्ञान गुण वाला है। इनसे प्रत्येक वस्तु भिन्न-भिन्न सामान्य विशेषात्मक सिद्ध हो जाती है और जीव की अनादि कालीन एकत्व बुद्धि का नाश होकर भेद विज्ञान की सिद्धि होती है। पर में कर्तृत्व बुद्धि का नाश होता है। स्व का आश्रय करके स्वभाव पर्याय प्रगट करने की रुचि जागृत हो जाती है। ( १६२, १६३ )
पर्यायत्व अधिकार ( ३ )
(१५८, १५९)
गुण के भेद लक्षण सहित बताओ ?
दो साधारण असाधारण अर्थात् सामान्य विशेष । जो छहों द्रव्यों में पाये जावें उन्हें सामान्य गुण कहते हैं जैसे अस्तित्त्व, प्रदेशत्व इत्यादि । जो छहों द्रव्यों में न पाये जाकर किसी द्रव्य में पाये जाते हैं, उन्हें विशेष गुण कहते हैं जैसे जीव में ज्ञान दर्शन या पुद्गल में स्पर्श रस इत्यादि ।
(१६०, १६१ )
(२६, ६१ )