________________
RE
पाठ जूदो छे. कोइ साधूनो अर्थ करे ते धम्मायरीया ए पाठ जूदो छे ज्ञाननो अर्थ करे ते सुय ए पाठ सूदो के ते * वास्ते चेइय शब्दे जिन प्रतिमानो अर्थ छे तथा तुम्हे पुच्छ्यो जे द्वारिका राजग्रहमें देहरा तथा प्रतिमानो पाठ किहां
छ तेहनो उत्तर नंदीसूत्रे अणुतरोववाइ तथा अंतगडना नोधनो पाठ जो ज्यो तथा तुम्हे कहेस्यो इतला बोल उपासक दशा प्रमुखे दीसता नथी तेहनो उत्तर जे नंदी तथा समवायांगमे जे पाठ तेहनो कोण उत्थापी शके ते जो ज्यो तथा नमे पुच्ह जे किणे श्रावके प्रतिमा पूजी छे तेहनो उत्तर घणे श्रावके प्रतिमा पुजी छे ते पाट श्रीभगवतीसत्रे तंगीया नगरीना धावको चरणव्या लिहा अभिगय जीवाजीवा इत्यादिक पाठ घणा छे तिहां एहवो पाठ छे असहिजदेवासुरनागसुवन्नजक्खरक्खसकिन्नरकिंपुरिसगरुलगंधधमहोरगादी-एहिं देवगणेहिं निगाथा ओपाक्यणाओ अणतिकम्मणिज्जा निग्गथे पावयणेनिस्संकीया निखीया लट्ठा गहीयट्ठा इत्यादि जे श्रावक कोई
जातिना देवतानो साहज वाछंता नथी तो कोई विजा देवतानी पूजा किम करे एहवा श्रावक जे देवने देव बुद्धि समानता हवे तेहनेज पूजे ते श्रावक, थिवर आल्या तेबारे एकबार सर्व एकट्ठा मिल्यां एहवो विचार कस्यो जे एहवा
निग्रंथनो नाम सांभल्यानो पिण महा लाभ छे तो तेहनो बांदवा जातां सेवा करतां तो महानिर्जरा महा पर्यवसान । कहेता मोक्ष थाय इम बिचारी पोते पोताने घरे गया पछी सूत्रे पाठ छे व्हाया कयवलि कम्मा कयकोउयमंगलपायछित्ता शुद्धा पावेसाइ पवरपरिहीया अप्पामहग्याभरणालंकीयशरीरा सयाओगिहाओ पडिनिक्खमति, तिहां नाह्या ते अंघोलकीधा कयबलिकम्मा, ते देवपूजा कीधीः कयकोउयमंगल ते तिलकादिक कर्या पछी बस्त्र पेह
*CREAKERA%ASEAN
G ARCAN